नई दिल्ली, Hijab Row कर्नाटक के कॉलेज से सामने आए एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचाया हुआ है. वीडियो कर्नाटक के मांडया का बताया जा रहा है, जहा एक हिजाब पहने लड़की जैसे ही कॉलेज कैंपस में घुसती है, तो उसके सामने भीड़ इक्ठा हो जाती है, और उसके सामने जय श्री राम के नारे लगाना शुरू करती है. हिजाब पहने लड़की भी इसका जवाब में अल्लाहू अकबर’ का नारा लगती है. जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट हुआ वैसे ही इस मामलें ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया।
इस मामले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने ट्वीट कर लड़की को बहादुर बताया। उन्होंने कहा कि पहले तो मैं उस लड़की को सलाम करता हूँ जिसने बिना डरे वहां खड़े लड़को को मुहतोड़ जवाब दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं लड़की के मां-बाप को सलाम पेश करता हूं. इस लड़की ने मिसाल पेश की है. हमे भीख माँगकर कोई भी चीज प्राप्त नहीं होगी, हम सभी को इस प्रकार अपने हक के लिए आवाज उठानी होगी। बता दें AIMIM चीफ ने अपने कई ट्वीट में कर्नाटक के लड़कियों की तारीफ की है और उन्होंने पीएम को इस मामलें पर घेरते हुए कहा कि प्रधानमंत्री 2 बार सदन में बोल चुके है, लेकिन इस मामलें पर उन्होंने अभी तक कुछ नहीं बोलै, वे मौन खड़े है. उनका मौन क्या कहता है? क्या यही बीजेपी का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ है.
एक इंटरव्यू में मुस्कान ने बताया कि वे कॉलेज कुछ दैनिक असाइनमेंट जमा करने जा रही थी, लेकिन कुछ छात्रों ने उसे ऐसा करने से रोका, क्योकि उसने बुर्खा पहना हुआ था. उन्होंने बताया कि वे लोग चाहते थे मैं बुर्खा उतार कर कॉलेज कैंपस में जाऊ. जैसे ही मैं कैंपस की ओर बड़ी तब वे लोग जय श्री राम के नारे लगाने लगे और मेरी ओर आने लगा. मुस्कान ने बताया कि इस भीड़ में कुछ लोग कॉलेज के थे, जबकि कुछ कॉलेज के बाहर से थे.
मुस्कान ने बताया कि उन लोगों के विरोध में उसने भी अल्लाहू अकबर के नारे लगाए और अपने हक के लिए आवाज उठाई। वहीँ इस मामलें पर कर्नाटक के शिक्षामंत्री बीसी नागेश ने बताया कि कुछ लोग स्कूल के माहौल को बिगड़ना चाहते है. उन्होंने कहा कि हर छात्र को स्कूल की यूनिफार्म में आना होगा।
दरअसल पिछले कुछ समय से कर्नाटक के कई स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब/बुर्का को लेकर बवाल मचा हुआ है. मुस्लिम धर्म से जुडी महिलाओ कॉलेज में बुर्खा पहनकर अपना विरोध दर्ज करवा रही हैम जबकि हिन्दू धर्म के लोग भगवा स्कार्फ पहनकर अपनी बात पर अड़े हुए है. मामला इतना गरमा गया कि मुद्दा सीधे हाईकोर्ट पहुंच गया. बता दें हालही में कर्नाटक राज्य सरकार ने राज्य में Karnataka Education Act-1983 की धारा 133 लागू की है, जिसके तहत सभी छात्रों को स्कूल में यूनिफॉर्म पहनकर आना अनिवार्य है.
इसी कारण अब सभी सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी ,साथ ही प्राइवेट स्कूल और कॉलेज को अपनी ड्रेस चुनने को कहा गया है. इसी के तहत जब कुछ छात्र यूनिफार्म में हिजाब डालकर पिछेल महीने अपने कॉलेज पहुंचे तो कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया साथ ही बताया कि ये कॉलेज प्रशासन खिलाफ है. इसी के बाद शहर के अलग-अलग हिस्सों में हिजाब को लेकर विवाद छिड़ गया और मामलें ने तूल पकड़ लिया। इस मामलें पर अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर अटकी हुई है.
इस मामलें पर मुस्लिम छात्रों का कहना है कि वे पहले से ही इस त्तरह पढ़ते हुए आ रही है, तो आखिर अब क्यों उन्हें रोका जा रहा है. वहीँ दूसरा पक्ष मानता है कि शिक्षा का यूनिफॉर्म से कोई लेना-देना नहीं है और सभी को स्कूल में एक समान ही रहना चाहिए।
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