राहुल गांधी मामले में जर्मनी ने दिया बयान, कानून मंत्री ने कहा – न्यायपालिका में विदेशी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं

नई दिल्ली। राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर अमेरिका के बाद अब जर्मनी की सरकार का बयान आया है। मामले पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा कि विपक्षी नेता राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू होने चाहिए। फिलहाल राहुल गांधी मामले में पहली बार किसी यूरोपीय देश की टिप्पणी आई है। इससे पहले अमेरिका ने भी राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

क्या कहा जर्मनी ने ?

जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें पता चला है कि राहुल गांधी कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद उच्च कोर्ट में अपील कर सकते हैं। उच्च न्यायलय का फैसला आने के बाद ही यह साफ होगा कि यह फैसला किस आधार पर दिया गया और क्या उन्हें संसद सदस्यता से बर्खास्त करने का कोई आधार था या नहीं। हम उम्मीद करते हैं कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू होंगे।

जर्मनी विदेश प्रवक्ता के बयान के बाद गुरुवार को कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया और उस ट्वीट में राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर बात करने  लिए धन्यवाद किया। दिग्विजय ने ट्वीट में लिखा कि धन्यवाद जर्मनी विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर इस बात पर ध्यान देने के लिए कि भारत में किस तरह लोकतंत्र का उत्पीड़न किया जा रहा हैं।

Thank you Germany Foreign Affairs Ministry and Richard Walker @rbsw for taking note of how the Democracy is being compromised in India through persecution of @RahulGandhi https://t.co/CNy6fPkBi3

— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 30, 2023

विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद

वहीं दिग्विजय सिंह के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखा कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद। याद रखें, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती है।

Thank you Rahul Gandhi for inviting foreign powers for interference into India’s internal matters. Remember, Indian Judiciary can't be influenced by foreign interference. India won't tolerate 'foreign influence' anymore because our Prime Minister is:- Shri @narendramodi Ji 🇮🇳 pic.twitter.com/xHzGRzOYTz

— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 30, 2023

बता दें, मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरनेम वालो को चोर कहा था, जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था। बीते दिनों सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई है। फिलहाल राहुल गांधी जमानत पर है।

Tags

fundamental democratic principlesgermanyGermany reacts on rahul gandhiGermany statementHuman Rightslaw minister statementMP from WayanadRahul Gandhirahul gandhi caserahul gandhi defamation caseRahul Gandhi Disqualification caseVedant Patel
विज्ञापन