पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर बोले मनमोहन सिंह- दुखी हूं, वाजपेयी एक महान प्रधानमंत्री थे

गुरुवार शाम 5.05 बजे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में निधन हो गया. उनके निधन पर देश और दुनिया की तमाम हस्तियों ने शोक जताया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अटल जी के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी एक महान प्रधानमंत्री थे.

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पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर बोले मनमोहन सिंह- दुखी हूं, वाजपेयी एक महान प्रधानमंत्री थे

Aanchal Pandey

  • August 16, 2018 11:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से दुनिया भर में शोक की लहर है. दिल्ली के एम्स में गुरुवार शाम 5.05 बजे अटल जी ने आखिरी सांस ली. उनके निधन के बाद देश और दुनिया के तमाम नेताओं ने शोक जताया. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अटल जी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वह अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन से दुखी हैं. वह भारत के महान प्रधानमंत्री थे.

मनमोहन सिंह ने अटल बिहारी के निधन पर शोक जताते हुए एक पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि भारत रत्न अटल जी का जाना दुखद है. मैनें उनसे काफी सीखा. हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक बहुत ही अच्छे वक्ता, प्रभावशाली कवि, असाधारण लोकसेवक और बेहतरीन सांसद थे. अटल जी राजनीति के पुरोधा थे. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी महान देश की सेवा में बिता दी. उनके द्वारा किए गए हर कार्य को देश हमेशा याद रखेगा.

मनमोहन सिंह ने अटल जी की मुंहबोली बेटी नमिता भट्टाचार्य को भी एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने अटल जी को याद करते हुए उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. बताते चलें कि अटल जी को सीने में दर्द की शिकायत के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. पिछले दो दिनों से उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी. पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री गुरुवार को उनका हाल जानने के लिए एम्स पहुंचे थे.

एम्स प्रशासन उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए हर संभव कोशिशें कर रहा था. देश भर में उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए पूजा-अर्चना, हवन और मंत्रों का जाप किया जा रहा था लेकिन अटल जी के लिए न ही दवा काम आई और न ही दुआ. गुरुवार शाम 5.05 बजे उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. उनके जाने के बाद अटल जी की यह कविता आज उनकी याद दिलाती है-

‘टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर,
पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर.

झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात,
प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूं,
गीत नया गाता हूं.

टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी,
अन्तर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी,
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा.

काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूं,
गीत नया गाता हूं.’

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