पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद शोक में पूरी दुनिया डूब गई है. अमेरिका से लेकर पाकिस्तान तक वाजपेयी के निधन से दुखी है. सोशल मीडिया पर वाजपेयी की मौत पर शोक जाहिर करने वालों की बाढ़ आ गई है. भारत में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में वाजपेयी की मौत पर शोक जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में अमेरिका भारत के साथ है. भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूती देने में उनके अहम योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.
नई दिल्ली. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद निधन गुरुवार शाम को 5.05 मिनट पर एम्स में हो गया. उन्हें करीब 36 घंटे से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. वह 93 साल के थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद शोक में पूरी दुनिया डूब गई है. अमेरिका से लेकर पाकिस्तान तक वाजपेयी के निधन से दुखी है. सोशल मीडिया पर वाजपेयी की मौत पर शोक जाहिर करने वालों की बाढ़ आ गई है. भारत में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में वाजपेयी की मौत पर शोक जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में अमेरिका भारत के साथ है. भारत-अमेरिका रिश्तों को मजबूती देने में उनके अहम योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.
पीटीआई चीफ और पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी इस उपमहाद्वीप की बड़ी राजनीतिक हस्ती थे. भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहतर करने के उनके प्रयास हमेशा याद रखे जाएंगे.
अटल जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वाजपेयी को सांस लेने में परेशानी, यूरीन व किडनी में संक्रमण होने के कारण 11 जून को एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था. 15 अगस्त को उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था.
अटल बिहार वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर साल 1994 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. अटल जी एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण से ताल्लुक रखते थे. इनके पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी एक शिक्षक और कवि थे. अटल जी ने शुरुआती शिक्षा ग्वालियर से प्राप्त की. जिसके बाद कानपुर के एंग्लो-वैदिक कॉलेज से राजनीतिक विज्ञान में ग्रेजुएशन पूरा किया.
साल 1939 में अटल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता बने. साल 1957 में अटल जी ने बलराम लोकसभा से चुनाव लड़ा और संसद पहुंच गए. साल 1977 में अटल जी मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी सरकार में विदेश मंत्री बने. साल 1980 अटल बिहारी वाजपेयी ने भैरो सिंह शेखावत, लाल कृष्ण आडवाणी और जनसंघ के कुछ नेताओं के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया.
साल 1996 में हुए आम चुनावों के बाद अटल जी ने देश के 10वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. हालांकि अटल जी के नेतृत्व की सरकार महज 13 दिन ही चल सकी. साल 1998 में अटल जी ने एक बार फिर पीएम की शपथ ली. हालांकि इस बार भी अटल जी की सरकार 13 महीने चल सकी. साल 1999 के लोकसभा में एक बार एनडीए की सरकार बनी और अटल जी ने पीएम पद की शपथ ली. अटल जी साल 1999 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. 2004 के आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी को जीत मिली थी.
#AtalBihariVaajpayee was a tall political personality of the subcontinent.His attempts for the betterment of India-Pak relationship will always be remembered. Mr Vajpayee,as a foreign minister,took responsibility of improving India-Pak ties: Pak PM designate Imran Khan (file pic) pic.twitter.com/NQCWOzLOsw
— ANI (@ANI) August 16, 2018
United States grieves with India on the loss of former Prime Minister #AtalBihariVajpayee. He will be remembered for his immense contribution in bolstering U.S.-India relations: US Embassy in India pic.twitter.com/GC5dE71IMR
— ANI (@ANI) August 16, 2018
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