नई दिल्ली, अमेरिकी डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपये के टूटने का सिलसिला बीते कई दिनों से जारी है, हालांकि, सोमवार को रुपया थोड़ा मजबूत होकर जरूर खुला, लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ा इसमें फिर गिरावट आने लगी और ये 80 के बेहद करीब पहुंच गया. भारतीय मुद्रा में आई भारी गिरावट के पीछे क्या कारण हैं. […]
नई दिल्ली, अमेरिकी डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपये के टूटने का सिलसिला बीते कई दिनों से जारी है, हालांकि, सोमवार को रुपया थोड़ा मजबूत होकर जरूर खुला, लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ा इसमें फिर गिरावट आने लगी और ये 80 के बेहद करीब पहुंच गया. भारतीय मुद्रा में आई भारी गिरावट के पीछे क्या कारण हैं. इसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया है:
सबसे पहले बात करते हैं रुपये के वर्तमान हालात की, तो बता दें सोमवार को Dollar के मुकाबले रुपया 6 पैसे के सुधार के साथ 79.76 के स्तर पर खुला है, लेकिन बाद में यह फिर से टूटने लगा और कारोबार के अंत में नए रिकॉर्ड निचले स्तर यानी 79.97 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. इससे पहले बीते शुक्रवार को रुपया 79.82 पर बंद हुआ था, पहले ही देश में महंगाई (Inflation) उच्च स्तर पर बनी हुई है, उसपर रुपये में जारी गिरावट से महंगाई के और ज्यादा बढ़ने का खतरा है.
सोमवार को शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में भी रुपये के टूटने का मुद्दा गूँज उठा, इस संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जबाव में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय मुद्रा के टूटने की वजह बताई. उन्होंने कहा कि रुपये में गिरावट के लिए वैश्विक कारक जैसे रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी जिम्मेदार है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शेयर बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा की जा रही जोरदार बिकवाली को भी रुपये में गिरावट के लिए जिम्मेदार बताया है.