वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तय किया है कि वह अपनी सांसद निधि सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में खर्च करेंगे. जेटली के इस कदम को गांधी परिवार के गढ़ में सेंधमारी के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के सामने बीजेपी के उम्मीदवार अरुण जेटली होंगे.
नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली क्या 2019 में होने वाला लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लड़ेंगे, यह सवाल अरुण जेटली के एक फैसले के बाद से उठ रहा है. दरअसल अरुण जेटली अपनी सांसद निधि अब रायबरेली के विकास के लिए खर्च करेंगे. बकायदा जेटली ने एमपी फंड से ढाई करोड़ रुपये की पहली किस्त रायबरेली प्रशासन को भेज भी दी है. वित्त मंत्री के इस फैसले को गांधी परिवार के गढ़ में सेंधमारी के तौर पर देखा जा रहा है.
अरुण जेटली वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं. मिली जानकारी के अनुसार, राज्यसभा सांसद के रूप में उन्होंने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली को अपना नोडल जिला बनाया है. नवंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में जेटली खुद रायबरेली का दौरा करेंगे. इस दौरान वह वहां सांसद निधि के खर्च से शुरू की जाने वाली कई योजनाओं की घोषणा करेंगे. बताया जा रहा है कि बीजेपी की नई रणनीति के तहत जिन लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी के सांसद नहीं हैं, वहां पर बीजेपी विकास के मुद्दे को आगे रखते हुए अपनी पैठ बढ़ाने की प्लान बना रही है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली के प्रतिनिधि और बीजेपी प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने बताया कि जेटली के रायबरेली को चुनने की वजह जिले का पिछड़ापन है. वित्त मंत्री नवंबर में रायबरेली आएंगे. हीरो बाजपेयी ने जेटली के रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल पार्टी की ओर से ऐसा कोई संदेश नहीं आया है. चूंकि जेटली उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं और मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम (एमपीएलएडीएस) के तहत वह अपनी सांसद निधि रायबरेली में खर्च करना चाहते हैं. फिलहाल इस मामले में कांग्रेस की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है.
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