नई दिल्ली, केंद्रीय कैबिनेट का बहुत जल्द विस्तार होने वाला है. मोदी सरकार के मंत्रियों के काम काज की समीक्षा हो रही है और खबर है कि खराब रिपोर्ट कार्ड वाले मंत्रियों पर गाज गिरने वाली है, केंद्रीय नेतृत्व कई मंत्रियों के काम काज से बिल्कुल संतुष्ट नहीं है. केंद्र सरकार के कामकाज को मंत्रालय […]
नई दिल्ली, केंद्रीय कैबिनेट का बहुत जल्द विस्तार होने वाला है. मोदी सरकार के मंत्रियों के काम काज की समीक्षा हो रही है और खबर है कि खराब रिपोर्ट कार्ड वाले मंत्रियों पर गाज गिरने वाली है, केंद्रीय नेतृत्व कई मंत्रियों के काम काज से बिल्कुल संतुष्ट नहीं है. केंद्र सरकार के कामकाज को मंत्रालय ने कागज़ के अलावा ज़मीन पर कितना उतारा है इसका जायजा लिया जा रहा है. बताया जा रहा है कि शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. शिंदे गुट को दो मंत्री पद मिलेंगे. केंद्र सरकार के दर्जन भर मंत्रियों के परिवर्तन के आसार हैं, वहीं कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं.
पिछले साल जुलाई में पीएम मोदी ने कैबिनेट विस्तार किया था, दरअसल साल 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद ये पहला मंत्रिमंडल का विस्तार था. इसमें 43 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली थी, इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल समेत 36 नए चेहरे थे, जबकि 7 मौजूदा मंत्री थे. मनसुख मंडाविया को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था, जबकि सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय सौंपा गया था. तब रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और प्रकाश जावड़ेकर को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
उस समय 43 में से 15 मंत्रियों ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली, जबकि 28 को राज्य मंत्री बनाया गया. सिंधिया,अनुराग ठाकुर, सोनोवाल, किरण रिजीजू और हरदीप पुरी कैबिनेट मंत्री बने. वहीं मीनाक्षी लेखी, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल आदि को राज्य मंत्री बनाया गया.
अब खबर है कि नेतृत्व मंत्रियों के काम से संतुष्ट नहीं है, ऐसे में पार्टी अपने मिशन 2024 पर कोई भी आंच नहीं आने देना चाहती इसलिए बहुत जल्द कैबिनेट में फेरबदल किया जा सकता है. और जिन मंत्रियों के काम से नेतृत्व संतुष्ट नहीं है उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है.