नई दिल्ली: कैश फॉर क्वेरी मामले (Cash For Query Scam) में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। एथिक्स कमेटी द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश किए जाने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी है। जानकारी हो कि एथिक्स कमेटी […]
नई दिल्ली: कैश फॉर क्वेरी मामले (Cash For Query Scam) में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द हो गई है। एथिक्स कमेटी द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश किए जाने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी है। जानकारी हो कि एथिक्स कमेटी ने मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता को निष्कासित करने की सिफारिश की थी।
महुआ मोइत्रा के पहले भी साल 2005 में कैश फॉर क्वेरी (Cash For Query Scam) मामले में कई सांसदों को निष्कासित किया गया था। साल 2005 में ‘कैश फॉर क्वेरी’ घोटाले को लेकर भाजपा के छह, बसपा के दो और कांग्रेस तथा राजद के एक-एक सदस्यों को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। बसपा के एक राज्यसभा सदस्य को भी सदन से निकाल दिया गया। दरअसल, 12 दिसंबर 2005 को एक निजी टीवी चैनल द्वारा प्रसारित ऑनलाइन समाचार साइट कोबरापोस्ट के एक स्टिंग ऑपरेशन में 11 सांसदों को संसद में सवाल उठाने के बदले नकद स्वीकार करते हुए दिखाया गया था। जिसके बाद मामले में आरोपी 11 सांसदों को सदन से निकाल दिया गया।
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10 सदस्य लोकसभा से निष्कासित किए गए, जबकि छत्रपाल सिंह लोढ़ा (बीजेपी) को राज्यसभा से निकाला गया। इन सांसदों को 24 दिसंबर 2005 को संसद के एक ऐतिहासिक मतदान के बाद निकाला गया। उस समय सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने सदस्यों को निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जबकि तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में भी ऐसा ही किया।