इमैनुअल मैक्रों की पार्टी 'रेनेसां' को चुनाव में मिली हार, भड़की हिंसा

Paris: फ्रांस के वर्तमान राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने संसद भंग कर तय समय से पहले चुनाव कराने का एलान किया था. सोमवार, 8 जुलाई को आए चुनाव नतीजों में मैक्रों की पार्टी रेनेसां को हार मिली है. जिसके बाद फ्रांस के कई पेरिस समेत कई शहरों के लोग सड़कों पर आ गए. सड़कों पर उतरे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.

दरअसल फ्रांस के चुनाव नतीजों में वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट गठबंधन को 182 सीटें मिली हैं. इसके साथ ही ये गठबंधन के पास सरकार बनाने का सबसे बड़ा मौका भी है. इसके अलावा इमैनुअल मैक्रों की पार्टी रेनेसां 163 सीटें जीतकर दूसरे पायदान पर है. दक्षिणपंथी नेशनल रैली गठबंधन को चुनाव में 143 सीटें मिली हैं.

मरीन ले पेन को मिली हार

चुनाव नतीजों से पहले राजनीतिक दिग्गज अनुमान लगा रहे थे कि दक्षिणपंथी नेशनल रैली गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें आएंगी और वे ही सरकार बनाएंगे लेकिन मरीन ले पेन की अगुवाई में चल रहे गठबंधन को करारी हार का हार का सामना करना पड़ा है. मरीन ले पेन को फ्रांस में मुस्लिम समुदाय के विरोधी के तौर पर देखा जाता है.

मैक्रों की हार, भड़की हिंसा

जैसे ही चुनाव नतीजों में इमैनुअल मैक्रों की पार्टी ‘रेनेसां’ बहुमत से पिछड़ती हुई दिखी और समय के  साथ-साथ नतीजे और साफ होते चले गए कि कौन पार्टी जीत के सबसे करीब पहुंचेगी. नतीजों के बाद फ्रांस के कई शहरों में आम जनता सड़कों पर उतर आई और उत्पाद मचाने लग गई, जिससे देश की राजधानी पेरिश भी अछूता नही रहा. हिंसा को शांत करवाने के लिए पुलिस ने लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे और हिंसक लोगों को शांत कराने का प्रयास किया.

बता दें कि इस हार के बाद फ्रांस के प्रधानमंत्री गैब्रियल अटल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन राष्ट्रपति मैक्रों ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि कोई भी जीत जाए लेकिन देश के राष्ट्रपति वो ही बने रहेंगे. इसपर 182 सीटों के साथ देश की सबसे बड़ी पार्टी के मुखिया ने कहा कि राष्ट्रपति तो हमारी पार्टी से ही बनेगा.

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