Election Commission Stay BJP Theme Song: चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के आसनसोल के भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो द्वारा लिखे गए पार्टी के थीम सॉन्ग पर ये कहते हुए रोक लगा दी कि निर्वाचन आयोग की मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी यानी की एमसीएमसी ने इस गाने को रैलियों में बजाने के लिए अनुमति नहीं दी है.
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के आसनसोल के भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो द्वारा लिखे गए पार्टी के थीम सॉन्ग पर ये कहते हुए रोक लगा दी कि निर्वाचन आयोग की मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी यानी की एमसीएमसी ने इस गाने को रैलियों में बजाने के लिए अनुमति नहीं दी है. हमने संशोधित गाने की मांग की थी लेकिन पार्टी की तरफ से अभी तक उसे जमा नहीं किया गया. साथ ही चुनाव आयोग के अनुसार थीम सॉन्ग पूर्व-प्रमाणित नहीं था. इसके अलावा सॉन्ग को विभिन्न स्थानों पर चलाया जा रहा है, जिस के लिए इस पर रोक लगा दी गई है.
वहीं चुनाव आयोग के इस फैसले से भाजपा के सदस्य जिन्होंने सॉन्ग के प्रमाणन के लिए आवेदन किया था उनको इससे अवगत करा दिया गया है. साथ ही आयोग के अधिकारी ने बताया कि निगरानी समिति (एमसीएमसी) और मीडिया सर्टिफिकेशन से पहले अनुमति नहीं लेना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है.
इसके अलावा संजय बसु ने ये भी कहा कि ये सॉन्ग केलव बुधवार की रैली में ही नहीं, बल्कि तब तक नहीं बजाया जा सकता, जब तक इस लॉन्ग को अनुमति नहीं दे दी जाती.
इसस पहले पिछले महीने आयोग की ओर से बिना किसी सूचना के सॉन्ग जारी करने के लिए चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी भी किया था. दरसअल, इस थीन सॉन्ग के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें ये दावा किया गया था कि सुप्रियो द्वारा गाया और कंपोज़ किया गया सॉन्ग बिना सर्टिफिकेशन के सोशल मीडिया पर जारी किया गया.
वहीं इस पूरे मामले के बाद बीजेपी ने गाने के बोल को अनुमति के लिए आयोग के सामने प्रस्तुत किया था जिसके बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने पार्टी को एक संशोधित संस्करण प्रस्तुत करने के लिए कहा.
बता दें कि मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय की तरफ से आ रही खबरों के मुताबिक केंद्रीय बल की सात कंपनियों को अलीपुरद्वार और कूचबिहार के क्षेत्रों में भेजा गया है, जहां 11 अप्रैल को चुनाव होने वाले हैं.
वहीं निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में कई शीर्ष अधिकारियों का तबादला भी कर दिया है. हाल ही में चुवावी जंग के दौरान बीजेपी ने इनके खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था.