नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) चीफ मायावती के चुनावी रैलियां करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को 72 घंटे और मायावती को 48 घंटे के लिए चुनावी जनसभा करने पर बैन किया है. दोनों शीर्ष नेताओं पर सोमवार को हुई कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने पोस्ट कर चुनाव आयोग की तारीफ की है. आइए देखते हैं कि इस मामले पर लोगों की ट्विटर पर क्या प्रतिक्रिया आई हैं.
एक यूजर ने ट्वीट किया है कि चुनाव आयोग ने नफरत वाली बयानबाजी के खिलाफ योगी और मायावती पर टीवी रिपोर्ट्स के आधार पर कार्रवाई की है, यह अच्छी बात है. लेकिन तमिलनाजु में स्टालिन, वीरामणि जैसे नेता हिंदुओं और उनके भगवान के खिलाफ भाषण देते हैं उनपर कार्रवाई कब होगी.
भाजपा सपोर्टर एक यूजर ने लिखा है कि योगी आदित्यनाथ को मायावती से 1.5 गुना ज्यादा सजा मिली है, मतलब यह कि बीजेपी वाले हैं तो उन्हें ज्यादा सजा मिलेगी!
इनका कहना है कि शुरुआत तो मायावती ने की थी उनपर कम प्रतिबंध क्यों?
एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अलग कानून लागू होते हैं? उन्होंने कई बार आचार संहिता का उल्लंघन किया लेकिन उनपर तो कार्रवाई नहीं हुई.
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों एक चुनावी रैली में अली-बजरंगबली बयान दिया था, जिसके खिलाफ आयोग को शिकायत मिली थी. वहीं मायावती ने भी पिछले हफ्ते यूपी के देवबंद में हुई जनसभा में मुसलमानों को सिर्फ महागठबंधन को वोट करने के लिए कहा था. चुनाव आयोग ने दोनों शीर्ष नेताओं को नोटिस भेजकर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था. इसके बाद दोनों ने जवाब दाखिल किया. जिसमें योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे ऐसे बयान दोबारा नहीं देंगे. वहीं मायावती अपने बयान पर कायम रहीं और अपने जवाब में कहा था कि मुसलमान बहुजन समाज का हिस्सा है और उन्होंने बहुजनों से वोट करने की अपील की.
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