Election Campaign Stop Early in Bengal: लोकसभा चुनाव के सातवें चरण की वोटिंग से पहले चुनाव आयोग ने वेस्ट बंगाल में हो रही चुनावी हिंसा पर सख्त कदम उठाया है. बुधवार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने निर्धारित समय से 19 घंटे पहले ही 16 मई गुरुवार रात 10 बजे से किसी भी तरह के चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है.
कोलकाता. लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें चरण की वोटिंग से पहले ममता बनर्जी के वेस्ट बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई चुनावी हिंसा को लेकर चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए 16 मई 2019 गुरुवार रात 10 बजे से किसी भी तरह के चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने गृह सचिव को तत्काल प्रभाव से हटाकर उनका प्रभार भी मुख्य सचिव को सौंप दिया है. नियम के अनुसार, वेस्ट बंगाल में चुनाव के आखिरी चरण के प्रचार पर शुक्रवार 17 मई की शाम 5 बजे से रोक लगाई जाती. लेकिन बंगाल के हिंसा भरे चुनावी माहौल को देखते हुए आयोग ने 19 घंटे पहले ही चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है.
दरअसल बुधवार को वेस्ट बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रोड शो किया जिस दौरान हिंसा हो गई. उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ भी की. इस बवाल के बीच प्रदर्शनकारियों ने मशहूर शिक्षा शास्त्री ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को भी नहीं छोड़ा और उसे भी ध्वस्त कर दिया जिसके बाद मामला और ज्यादा तूल पकड़ गया. सीएम ममता बनर्जी की तृलमूल कांग्रेस जहां भाजपा कार्यकर्ताओं पर मूर्ति तोड़ने का आरोप लगा रही है तो वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने टूटी प्रतिमा की तस्वीरे सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया कि टीएमसी के गुंडों ने इसे तोड़ा है.
Election Commission: No election campaigning to be held in 9 parliamentary constituencies of West Bengal – Dum Dum, Barasat, Basirhat, Jaynagar, Mathurapur, Jadavpur, Diamond Harbour, South and North Kolkata from 10 pm tomorrow till the conclusion of polls. pic.twitter.com/cTpKS6jFwp
— ANI (@ANI) May 15, 2019
Election Commission: Chief Secretary will look after Home Department. #WestBengal https://t.co/2uKalZpa5f
— ANI (@ANI) May 15, 2019
पिछले काफी समय से वेस्ट बंगाल में हो रही चुनावी हिंसा पर सवाल उठाए जा रहे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक इंटरव्यू के दौरान पश्चिम बंगाल की हिंसा पर मीडिया पर तंज कसा था. पीएम ने कहा था कि उन्होंने बीते साल राज्य के पंचायत चुनावों में हुई चुनावी हिंसा के दौरान मीडिया को स्थिति के बारे में बताया था लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया. लेकिन जब पत्रकारों पर हमला हुआ तब जाकर देश की मीडिया जागी और पश्चिम बंगाल की हिंसा का मुद्दा लाइमलाइट में आया.