मुंबई. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की दशहरा रैली को लेकर सुर्ख़ियों में बने हुए हैं. शिंदे गुट और उद्धव गुट दोनों के लिए ये दशहरा शक्ति प्रदर्शन का मौका है. ऐसे में, उद्धव ठाकरे गुट और सीएम एकनाथ शिंदे समूह की ओर से ज्यादा से ज्यादा शिवसैनिकों को अपने पाले में शामिल […]
मुंबई. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की दशहरा रैली को लेकर सुर्ख़ियों में बने हुए हैं. शिंदे गुट और उद्धव गुट दोनों के लिए ये दशहरा शक्ति प्रदर्शन का मौका है. ऐसे में, उद्धव ठाकरे गुट और सीएम एकनाथ शिंदे समूह की ओर से ज्यादा से ज्यादा शिवसैनिकों को अपने पाले में शामिल करने की कोशिश की जा रही है. इस रैली के लिए तैयारियां ज़ोरों-शोरों पर हैं, 10 हजार वाहनों में कार्यकर्ता मुंबई पहुंचने वाले हैं, जिसमें 6 हजार सरकारी और निजी बसें भी शामिल हैं, इसके अलावा करीब 3 हजार कारों से भी लोग इस रैली में शामिल होंगे.
शिवसेना के 60 सालों के इतिहास में यह पहला ऐसा मौका है जब वो दशहरे पर इस तरह से बंटी हुई है, और अलग-अलग गुटों ने दशहरा रैली का आयोजन किया है. इस बार भीड़ जुटाने के लिए दोनों ही और से करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं, मिली जानकारी के अनुसार शिंदे गुट ने लोगों को सभा में लाने के लिए करीब 1800 सरकारी बसें बुक की हैं, और इसके लिए करीब 10 करोड़ रुपये नकद दिए गए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की टीम ने सोमवार शाम पांच बजे तक 1800 एसटी ट्रेनों का रिजर्वेशन कराया था, साथ ही 3000 निजी कारों की पहले ही बुकिंग हो चुकी है. एकनाथ शिंदे गुट की रैली बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में हो रही है जिसमें करीब डेढ़ लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.
शिंदे गुट के लिए ये शक्ति प्रदर्शन का मौका इसलिए भी है क्योंकि उन्हें शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की इजाज़त नहीं मिली है. अब महाराष्ट्र में भले ही उद्धव ठाकरे के हाथ से सत्ता चली गई हो, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ उनकी बड़ी जीत हुई है. पहले तो महाराष्ट्र के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को लेकर उद्धव गुट और शिंदे गुट में थोड़ी खींचतान चल रही थी, दोनों ने ही एक ही दिन एक ही समय पर दशहरा रैली निकालने की इजाज़त मांगी थी, लेकिन बाद में उद्धव ठाकरे गुट को दशहरा रैली की इजाज़त दे दी गई.