बेंगलुरू. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक की कुमारस्वामी और सिद्धारमैया की सरकार में मंत्री रहे डी के शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है. ईडी पिछले चार दिनों से डी के शिवकुमार से पूछताछ कर रही थी. ईडी कांग्रेस विधायक शिव कुमार के बयान पीएमएलए के सेक्शन 50 के तहत दर्ज कर रही थी. दरअसल इस सेक्शन के अनुसार, अगर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी आरोपी सवाल पूछते हैं और उसकी ओर से सहयोग नहीं मिलता तो ईडी के पास उसकी गिरफ्तारी का अधिकार होता है. अब डी के शिवकुमार को बुधवार विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. सूत्रों की मानें तो ईडी कोर्ट से शिवकुमार की रिमांड की मांग कर सकती है. कर्नाटक के सबसे अमीर नेताओं में शुमार डी के शिवकुमार कांग्रेस का एक जाने-माने चेहरा हैं और कई बार पार्टी के लिए संकट मोचन की भूमिका निभा चुके हैं.
कौन हैं कांग्रेस के दिग्गज डी के शिवकुमार
डी के शिवकुमार कर्नाटक की कनकपुरा सीट से विधायक हैं. कांग्रेस और जेडीएस की कुमारस्वामी सरकार में सिंचाई मंत्री पद संभाल रहे थे. इससे पहले वे कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं. डी के शिवकुमार के भाई डी के सुरेश बेंगलुरु ग्रामीण से कांग्रेस सांसद हैं. डी के शिवकुमार की गिनती सबसे अमीर नेताओं में की जाती है.
साल 2013 में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार, डी के शिवकुमार ने 250 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की थी जो वर्तमान में बढ़कर करीब 600 करोड़ हो गई है. डी के शिवकुमार कर्नाटक के इगलटन रिजॉर्ट के मालिक हैं जिसमें हेलीपैड, वर्ल्ड क्लास स्विमिंग पूल से लेकर थिएटर तक की लग्जरी सुविधाएं हैं.
कांग्रेस के बनते आए हैं संकट मोचन, चाहे बात कर्नाटक की हो या महाराष्ट्र की
कर्नाटक सरकार में विधायक डी के शिवकुमार अपनी पार्टी को कई बार संकट से बाहर निकालकर ला चुके हैं. कुछ समय पहले जब कुमारस्वामी सरकार पर संकट के बादल छाए हुए थे, उस दौरान स्थिति को संभालने डी के शिवकुमार ही मुंबई के होटल में कांग्रेस के विधायकों से मिलने पहुंचे थे.
जब गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अहमद पटेल को उम्मीदवार बनाया था लेकिन पार्टी नेताओं के लगातार भाजपा में शामिल होने की वजह से स्थिति बिगड़ती जा रही थी तो उस समय भी डी के शिवकुमार ही संकट से कांग्रेस को बाहर लाए थे. उस दौरान डी के शिवकुमार ने कांग्रेस के बाकी 44 विधायकों को अपने ईगलटन रिसोर्ट में ठहराया था. आखिरकार तमाम कोशिशों के बाद अहमद पटेल चुनाव जीत गए थे.
डी के शिवकुमार कांग्रेस के लिए असली संकट मोचन तो तब बने जब उन्होंने साल 2002 में महाराष्ट्र सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई. महाराष्ट्र सरकार को बचाने के बाद डी के शिवकुमार गांधी परिवार की नजरों में आ गए और उन्हें कांग्रेस का ट्रबलशूटर कहा जाने लगा था.
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