EC On PM Narendra Modi Wardha Speech: आगामी लोकसभा चुनाव में विभिन्न मुद्दों पर सत्ता और विपक्षी दलों के बीच जारी घमासान के बीच चुनाव आयोग का भी डंडा चल रहा है. इस बीच चुनाव आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बीते दिनों महाराष्ट्र के वर्धा में दिए भाषण पर महाराष्ट्र के चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की पीएम मोदी की शिकायत की थी. दरअसल, पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष ने वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव इसलिए लड़ने का फैसला किया है, क्योंकि वहां अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा है.
नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र स्थित वर्धा में बीते दिनों दिए चुनावी भाषण को लेकर महाराष्ट्र के सीईओ से रिपोर्ट तलब की है. इस मामले में कांग्रेस ने पीएम पीएम की चुनाव आयोग से शिकायत की थी. दरसअल, कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी के वर्धा में दिए भाषण के उस हिस्से पर आपत्ति जता रही है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष ने वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव इसलिए लड़ने की ठानी, क्योंकि वहां अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा है.
मालूम हो कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है जिसमें हिंदुत्व, हिंदू आतंकवाद, करप्शन, बेरोजगारी समेत कई मुद्दे अहम है. आए दिन दोनों पार्टियां चुनाव आयोग से शिकायत करती है कि इसने चुनाव आचार संहिता का उल्लंधन किया तो उसने कुछ ऐसी घोषणाएं कर दी जिन्हें आदर्श चुनाव संहिता के विपरीत माना जाए.
इन सबके बीच अब चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के वर्धा में दिए भाषण पर महाराष्ट्र के चीफ इलेक्शन ऑफिसर से रिपोर्ट तलब की है. मालूम हो कि पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्धा रैली में हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि वोटबैंक की राजनीति के लिए एनसीपी हो या कांग्रेस, किसी भी हद तक जा सकती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा था कि कांग्रेस के हिंदुओं को आतंकवादी कहने के बाद हिंदू समाज जाग गया है. इसी कारण लोग बहुसंख्यक वाली सीट से भागकर अल्पसंख्यक वाली सीट में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा था कि देश के करोड़ों लोगों पर हिंदू आंतकवाद का दाग लगाने का प्रयास कांग्रेस ने किया है. ये वही कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन है जिसने आजाद मैदान में बेकाबू भीड़ को शहीद स्मारक को जूते से रौंदने और हिंसा की खुली छूट दी थी. बाद में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने ये भी सुनिश्चित किया था कि आजाद मैदान में हिंसा करने वालों पर कार्रवाई न हो.
उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल से 19 मई तक 7 चरणों में लोकसभा चुनाव होने हैं और 23 मई को परिणाम आएंगे. ऐसे में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी है. दावे-वादों के साथ ही व्यक्तिगत हमलों का दौर जारी है.