EC on Mayawati Muslim Statement: उत्तर प्रदेश (यूपी) के सहारनपुर जिले के देवबंद में लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर हुई सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन की रैली में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के मुसलमानो से वोट देने की अपील करने पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है. भारत निर्वाचन आयोग (चुनाव आयोग) ने सहारनपुर प्रशासन से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है, जिससे मायावती की मुश्किलें बढ़ सकते है. आयोग आचार संहिता का उल्लंघन मानकर मायावती के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में रविवार को हुई महागठबंधन रैली में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के मुसलमानों से वोट की अपील करने पर मुश्किलें बढ़ गई है. मायावती के इस बयान पर भारत निर्वाचन आयोग (चुनाव आयोग) सख्त हो गया है. चुनाव आयोग ने सहारनपुर प्रशासन से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है. देवबद में रविवार को हुई महागठबंधन रैली में बसपा चीफ मायावती के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) नेता अजीत सिंह शामिल हुए. यह पहला मौका था जब लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर गठबंधन होने के बाद तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता एक साथ मंच पर नजर आए.
मायावती ने देवबंद में रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार ने पिछले पांच सालों में दलित, मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के लिए कुछ नहीं किया. समाज के पिछड़े तबके की हालत पहले से भी बदतर हो रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय भी ढकोसला साबित हुआ है, इससे देश के गरीब सवर्णों का उत्थान नहीं हुआ.
मायावती ने कहा कि यूपी में महागठबंधन मुस्लिमों समाज के लिए हित के लिए काम करेगा. उन्होंने मुसलमानों से लोकसभा चुनाव से सिर्फ महागठबंधन को ही वोट देने की अपील की. वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी रैली में कहा कि बीजेपी और कांग्रेस की नीतियां एक जैसी है. बीजेपी नफरत की राजनीति कर रही है. अखिलेश यादव ने जनता से बीजेपी को सत्ता से हटाकर नफरत फैलाने वालों को सत्ता से बाहर करने की अपील की.
आपको बता दें कि यूपी की 8 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल 2019 को वोटिंग होनी है. देशभर में लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद से ही आचार संहिता लगी हुई है. ऐसे में मायावती के मुस्लिम समाज के लोगों से वोट देने की अपील पर चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई कर सकता है. हालांकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी चुनावी रैली में हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर भाषण देने का आरोप लगा था.