नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव निष्पक्ष और बिना किसी विवाद के हो, इसके लिए चुनाव आयोग पूरी कोशिश कर रहा है. लोकतंत्र के इस महापर्व को अच्छे से अंजाम तक पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों की लगातार बैठकें चल रही हैं. हाल के दिनों में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और चुनाव के दौरान राजनीतिक विज्ञापनों के साथ ही इसके दुरुपयोग से जुड़ी आशंकाओं को लेकर चुनाव आयोग के सोशल मीडिया के कंट्री हेड्स की मंगलवार को अहम बैठक बुलाई है.
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया है कि तीन अहम मुद्दों पर मंगलवार को भारतीय निर्वाचन आयोग की ट्विटर, व्हाट्सएप, टिक टोक, गूगल, फेसबुक के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है.
चुनाव आयोग इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के कंट्री हेड्स ने पूछने वाला है कि पिछले साल अपने अपने प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक पोस्ट्स को हटाने के अलावा इसे नियंत्रित करने को लेकर किए गए वादों पर कितना अमल हुआ?
मालूम हो कि फेसबुक, व्हाट्सएप, गूगल, समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के अधिकारियों ने चुनाव आयोग से वादा किया था कि वे निष्पक्ष चुनाव कराने में हरसंभव मदद करेंगे और इसके लिए नोडल अफसर और उनकी अलग टीम होगी. चुनाव आयोग इन वादों को लेकर भी सवाल करेगा.
इस बैठक में ये सवाल भी उठेंगे कि फर्जी और अफवाह या नफरत फैलाने वाली खबरों की सचाई की पड़ताल करने की रणनीति पर क्या प्रगति हुई. साथ ही कहा गया है कि सोशल मीडिया पर राजनीतिक पार्टियों के विज्ञापन डालने से पहले चुनाव आयोग की मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी (MCMC) से सर्टिफिकेट लेना जरूरी है.
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