नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी आज शनिवार को मीडिया पर तंज कसते हुए नज़र आए. उन्होंने मीडिया पर व्यंग्य करते हुए कहा कि “जब मैं 2004 में राजनीति में आया था, तब सत्ता में हमारी सरकार थी और आलम ऐसा था कि मीडिया ने 24 घंटे मेरी तारीफ और वाह-वाही की। लेकिन उस दिन के बाद अजब मैं यूपी के भट्टा पारसौल गया। और वहां मैंने किसान जमीन का मुद्दा उठाया। जैसे ही मैंने यह मामला उठाया मीडिया वैसे ही मेरे पीछे ही पड़ गई.
आपको बताते चलें इससे पहले अपनी “भारत जोड़ो यात्रा” को लेकर राहुल गाँधी ने कहा कि इस यात्रा का मकसद भारत को एक करना है. जब हमने कन्याकुमारी से शुरुआत की, तो मैंने सोचा कि नफरत को खत्म कर देना चाहिए। क्योंकि मेरे दिमाग में था कि पूरे देश में नफरत फैली है। लेकिन जब मैंने चलना शुरू किया तो हकीकत बहुत अलग थी। उन्होंने कहा कि यह मुल्क एक है। मैं सड़क पर सैकड़ों हजारों-लाखों लोगों से मिला हूं। वे सभी एक दूसरे से प्यार-मोहबब्त करते हैं।
बता दें, नियमगिरि जमीन ओडिशा का मामला था। वेदांता समूह यहां खदान की तलाश में था। इस समय राहुल गाँधी ने विरोध किया और खदान के लिए वेदांता को दिया गया परमिट अंततः रद्द कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर, भट्टा परसौल उत्तर प्रदेश का मुद्दा था। यहां 2011 में किसानों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था। साथ ही उस समय राहुल गाँधी किसानों से मिले और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का खूब विरोध किया। राहुल गांधी के इस कम को उनके राजनीतिक जीवन का यादगार कदम माना जा रहा है.
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