हाल में संपन्न हुए दिल्ली विश्विद्यालय छात्रसंघ चुनावों के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गई है. कांग्रेस ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग को भी घेरा है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने प्रेस कांफ्रेंस कर बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराने की मांग की है.
नई दिल्ली. कांग्रेस ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) टैंपरिंग का आरोप लगाते हुए बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराने की मांग की है. कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि DUSU चुनाव में प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेट्री के पदों पर पहले कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन NSUI के उम्मीदवार आगे चल रहे थे. इसके बाद ईवीएम में गड़बड़ी होने लगी. शाम तक तीन बार गड़बड़ी हुई. लेकिन इस गड़बड़ी के बाद जो सबसे खास था वह था उम्मीदवारों की स्थिति बदलना.
माकन ने कहा कि जिन पदों पर एनएसयूआई के कैंडिडेट आगे चल रहे थे उनपर बीजेपी समर्थित एबीवीपी के कैंडिडेट्स को बढ़त मिलने लगी. माकन ने कहा कि हमारा जो कैंडिडेट 6000 वोट से जीता है, ईवीएम उसको 0 वोट दिखा रहा था. ईवीएम में 8 कैंडिडेट के लिए वोट पड़े थे लेकिन 10वें नंबर पर 40 वोट था. ऐसे में जब 10वें नंबर पर कोई उम्मीदवार ही नहीं था तो वह 40 वोट कहां से आ गया.
माकन ने कहा कि हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्ताव पारित करके कहा गया है कि सारे चुनाव बैलट पेपर से हों क्योंकि ईवीएम में दिक्कत है. उन्होंने कहा कि जब भी ईवीएम में दिक्कत होती है तो उसका फायदा कभी कांग्रेस या किसी विपक्षी को नहीं मिलता, हर बार ये फायदा बीजेपी या एबीवीपी को ही क्यों मिलता है. ये संयोग है या साजिश.
इसके बाद माकन ने चुनाव आयोग को भी निशाने पर लिया. उन्होंने चुनाव आयोग की चिट्ठी दिखाते हुए कहा कि चुनाव आयोग कह रहा है उसने डीयू चुनाव को कोई ईवीएम सप्लाई नहीं की. माकन ने कहा कि चुनाव आयोग से तो कुछ पूछा ही नहीं गया था ऐसे में दिल्ली यूनिवर्सिटी के बजाय वह जवाब क्यों दे रहा है. माकन ने कहा कि चुनाव आयोग कह रहा है कि है कि डीयू को ईवीएम सप्लाई ईसीआईएल ने किया, चुनाव आयोग ने नहीं. बिना चुनाव आयोग के आदेश के ऐसा नहीं किया जा सकता.
माकन ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने कल खुद सफाई दी है कि डीयू को ईवीएम उसने नहीं दिया. लेकिन लोकसभा, विधानसभा या सारे चुनाव जिसमें चुनाव आयोग ईवीएम लगाता है वो सारे ईवीएम भेल और ईसीआईएल से ही आते हैं. डीयू चुनाव से ये फिर साफ हुआ है कि ईवीएम गड़बड़ है और जब भी गड़बड़ होता है तो बीजेपी या एबीवीपी को फायदा होता है. इसलिए डीयू में दोबारा पेपर से चुनाव कराया जाए और भविष्य के सारे चुनाव भी बैलट पेपर से कराए जाएं.
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