नई दिल्ली, आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू ने राष्टपति चुनाव में जीत हासिल कर इतिहास रच लिया है. द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति है, जबकि भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. दिन भर वोटों की गिनती की गई, जिसमें द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर जीत हासिल की. द्रौपदी मुर्मू […]
नई दिल्ली, आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू ने राष्टपति चुनाव में जीत हासिल कर इतिहास रच लिया है. द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति है, जबकि भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. दिन भर वोटों की गिनती की गई, जिसमें द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर जीत हासिल की. द्रौपदी मुर्मू को 5,77,777 वोट मिले हैं और देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन गई हैं. अब ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू को जीत की बधाई दी है. कुल तीनों राउंड की वोटिंग की बात करें तो कुल वोट 3219 थे. इनकी वैल्यू 8,38,839 थी, जिसमें से द्रौपदी मुर्मू को 2161 वोट (वैल्यू 5,77,777) मिले. वहीं यशवंत सिन्हा को 1058 वोट (वैल्यू 2,61,062) मिले.
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह 25 जुलाई को होगा, इसके साथ ही द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी.
द्रौपदी मुर्मू के राजनीतिक सफर की बात करें तो उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत ओडिशा में पार्षद बनने के साथ की थी. साल 1958 में 20 जून को जन्मी द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल गठबंधन की सरकार के दौरान, 2000-2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार और 6 अगस्त, 2002 से मई तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के पद पर रही थीं. इसके अलावा साल 2000 और 2004 में ओडिशा की पूर्व मंत्री और रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से द्रौपदी विधायक भी रही हैं. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी बनी थीं.
पहली महिला राज्यपाल नियुक्त होने से पहले मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता भी रही हैं. बहरहाल निर्वाचित होने के बाद अब द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेंगी. इसके अलावा द्रौपदी भारत के ओडिशा राज्य से देश की पहली राष्ट्रपति हैं. द्रौपदी मुर्मू के पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है. उनका कार्यकाल काफी उत्कृष्ट रहा.
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