नई दिल्ली : कर्नाटक में सीएम को लेकर मंथन जारी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीएम की गुत्थी सुलझाने में लगे हुए है. 16 मई से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार दिल्ली में जमे हुए है. 16 मई को कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की. आज डीके शिकुमार अपने भाई के आवास पर पहुंचे है. इसी बीच कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि आने वाले 48 से 72 घंटे में सीएम के नाम का ऐलान हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया बनने जा रहे है. इसी बीच डीके शिवकुमार ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
पहली वजह की बात करें तो सीएम कुर्सी की ये रेस शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच थी. सिद्धारमैया कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेता माने जाते हैं जो पहले भी राज्य का मुख्यमंत्री पद संभाल चुके हैं. इसके अलावा उन्हें गांधी परिवार का भरोसेमंद भी माना जाता है जहां सिद्धारमैया का क्षेत्रीय और राजनीतिक दलों के बीच भी खूब प्रभाव है.
डीके शिवकुमार को सीएम कुर्सी ना देने की दूसरी वजह ये है कि कांग्रेस के मानने में कर्नाटक की कमान कुरुबा समाज के नेता के पास होनी चाहिए. सिद्धारमैया कुरुबा जाति के हैं साथ ही जमीनी स्तर पर उनके प्रभावशाली वोकालिग्गा समुदाय से अच्छे संबंध हैं. ऐसे में कांग्रेस कुरुबा समाज के नेता के पास ही 2024 में लोकसभा चुनाव तक सीएम का पद चाहती है. शिवकुमार और सिद्धारमैया की जोड़ी को पार्टी साथ रखते हुए राज्य से अधिक से अधिक सीटें अपने नाम करना चाहती है.
तीसरी वजह सिद्धारमैया के पास सरकार चलाने का अनुभव होना है. 2013-18 तक वह मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं. साथ ही उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 1983 में हुई थी. उस समय वह निर्दलीय विधायक चुने गए थे. 1994 में सिद्धारमैया जनता दल सरकार में डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं. साल 2006 से वह कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.
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