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मायावती से नाराज़गी, राहुल का साथ… बसपा छोड़ ‘इंडिया’ आएंगे दानिश अली ?

नई दिल्ली : पिछले सप्ताह देश में संसद का विशेष सत्र चला जहां चंद्रयान-3 की सफलता पर चल रही डिबेट के बीच भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उनके द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी के बाद अब उत्तर प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बदलने की अटकलें तेज हो […]

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मायावती से नाराज़गी, राहुल का साथ… बसपा छोड़ ‘इंडिया’ आएंगे दानिश अली ?
  • September 26, 2023 10:01 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली : पिछले सप्ताह देश में संसद का विशेष सत्र चला जहां चंद्रयान-3 की सफलता पर चल रही डिबेट के बीच भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उनके द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी के बाद अब उत्तर प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं.

विपक्षी नेताओं का मिला साथ

 

दरअसल शुक्रवार की शाम इंडिया गठबंधन के नेताओं ने लोकसभा में हुई इस घटना को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया दी उससे यही संकेत मिल रहे हैं. दूसरी ओर दानिश अली पर की गई इस अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बसपा की ओर वो समर्थन नहीं मिला जिसकी अपेक्षा की जा रही थी. हालांकि सुप्रीमो मायावती ने जरूर कुछ ट्वीट करते हुए इस मामले की निंदा की है लेकिन सत्तारूढ़ दल के सांसद की ओर से किए गए ऐसे हमले के खिलाफ उनके तेवर कुछ सॉफ्ट नज़र आए.

राहुल ने की दानिश से मुलाकात

इस मामले के तूल पकड़ते ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी काफी सक्रिय हो गए जहां उन्होंने और केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, डी राजा, वृंदा करात, सुहासिनी अली, मनोज झा समेत विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेताओं ने दानिश अली के घर जाकर उनसे ख़ास मुलाकात की. दूसरी ओर बसपा से निलंबित सांसद अफजाल अंसारी के अलावा उनकी पार्टी से कोई और चेहरा उनके साथ दिखाई नहीं दिया था.

दानिश अली का दर्द?

दरअसल दानिश अली की पार्टी ही उनका साथ नहीं दे रही है. बसपा से जुड़े लोगों ने भी इस मुद्दे पर खुलकर बयान नहीं दिया है. दूसरी ओर निशिकांत दुबे और रवि किशन जैसे बीजेपी के कई सांसद रमेश बिधूड़ी के समर्थन में स्पीकर को चिट्ठियां लिख रहे है. मामला तो यहां अटकता है कि इस घटना को लेकर दानिश अली के साथ सभी की संवेदना होनी चाहिए थी. ऐसे में अपनी पार्टी में पनाह ना मिलने पर बसपा सांसद सुरक्षित ठिकाना ढूंढने लगे हैं. अब देखने वाली बात ये है कि जहां दानिश अली की उनकी पार्टी से नहीं बन रही है क्या इंडिया गठबंधन उनके लिए एक विकल्प के तौर पर उभरेगा.

 

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