नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह कांग्रेस की अध्यक्ष रेस से बाहर हो गए हैं. बीते शुक्रवार उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार करते हुए अपने पैर पीछे खींच लिए थे. उनका कहना था कि वो मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बनेंगे. अपने इस निर्णय के बाद उन्होंने रहीम दास का एक दोहा भी ट्वीट किया.
अध्यक्ष पद के चुनाव से पीछे हटने के बाद दिग्विजय सिंह ट्वीट कर लिखते हैं कि ‘चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बे परवाह, जाके कछु नहीं चाहिए, वे शाहन के शाह’. बता दें, इस दोहे का अर्थ है कि जिन्हें कुछ भी ना पाने की इच्छा होती है वो खुद राजाओं के राजा होते हैं क्योंकि उन्हें ना तो किसी चीज की चाह है, ना ही चिंता है. उनका मन बिल्कुल बेपरवाह है. ऐसा ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ये साफ कर दिया है कि उन्हें इस रेस से बाहर होने का कोई गम नहीं है. वह इस समय मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बनकर खुश हैं.
बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शुक्रवार को सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दे दिया है. इस पद के लिए दिग्विजय सिंह मैदान में उतरने वाले थे, लेकिन आखिरी वक्त पर जब मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आया तो उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया. जानकारी के अनुसार दिग्विजय अपने नामांकन की पूरी तैयारी कर चुके थे. मालूम हो कि मल्लिकार्जुन के अलावा इस रेस में केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर और झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी अध्यक्ष पद कि रेस में रहेंगे.
नामांकन वापस लेते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा था कि खड़गे उनसे सीनियर हैं. जब उन्होंने खड़गे से पूछा था कि क्या वे चुनाव लड़ रहे हैं, तो उन्होंने ऐसा कोई इरादा ना होने की बात कही थी लेकिन जब मीडिया से उन्हें मालूम हुआ कि खड़गे भी चुनाव लड़ रहे हैं तो इसके बाद वह सुबह उनसे मिले. आगे दिग्विजय बताते हैं कि अगर खड़गे चुनाव लड़ेंगे तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि वह सीनियर नेता हैं.
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