मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राज्य में बहुमत साबित करने के लिए होने वाले फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले फढणवीस ने इस्तीफा दिया. इसकी जानकारी देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी. उनसे पहले अजीत पवार ने भी उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफे से पहले देवेंद्र फडणवीस ने मीडियो को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव से पहले शिवसेना ने हमसे कहा था कि किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन कर सकते हैं बशर्ते उनकी पार्टी के नेता को सीएम बनाया जाए. सत्ता के लिए शिवसेना ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया. तीन दलों के बीच कोई समझौता नहीं बन पाया. हमने शिवसेना का काफी इंतजार किया था.
जो लोग मातोश्री से निकलते नहीं थे, सरकार बनाने के लिए यहां-वहां भटकते रहे
उन्होंने बिना नाम लिए उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग मातोश्री से आगे पैर नहीं रखते थे वो सरकार बनाने के लिए दर दर भटकने लगे. देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि अब यहां से आगे वो राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र में बनने वाली अगली सरकार को अपनी तरफ से शुभकामनाएं देता हूं लेकिन जो भी सरकार बनेगी वो काफी अस्थिर सरकार होगी क्योंकि सबकी विचारधारओं में काफी अंतर है.
शीर्ष नेतृत्व से मिला था इस्तीफा दे देना का ऑर्डर
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सुबह सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट के आदेश देेने के बाद मुलाकात की. कहा जा रहा है कि दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विकल्पों पर चर्चा की देवेंद्र फडणवीस को ताकत का परीक्षण करना चाहिए या नहीं. सूत्रों ने दावा किया है कि बैठक के बाद, देवेंद्र फडणवीस को एक संदेश दिया गया था. हालांकि ये जानकारी नहीं मिली है कि उस मैसेज में कहा क्या गया.
आधी रात को हुआ था देवेंद्र फडणवीस का शपथग्रहण
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को शनिवार की सुबह शपथ समारोह में शपथ दिलाई गई. अनिर्धारित शपथ के लिए मंच निर्धारित करने के लिए, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को रद्द करने वाला एक केंद्र सरकार का आदेश सुबह 5.47 बजे जारी किया गया था जब पीएम मोदी ने कैबिनेट के साथ चर्चा किए बिना इसे अप्रूव किया. इसके लिए उन्होंने एक अहम नियम का उपयोग किया. राज्य में जिस तरह से सरकार का गठन हुआ, उसे शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. भाजपा ने दावा किया कि उसने राज्यपाल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने से पहले 170 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था.
भाजपा से हाथ मिलाने के बाद, अजीत पवार ने अपनी पार्टी एनसीपी के सभी 54 विधायकों के समर्थन का दावा किया था, लेकिन चुनाव उनके चाचा शरद पवार ने लड़ा था. हालांकि, पिछले तीन दिनों में, एनसीपी विधायक जो लापता हो गए थे, उनमें से कुछ ने अजीत पवार पर उन्हें गुमराह करने का आरोप लगाया. कल, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन ने मुंबई के पांच सितारा होटल में अपने विधायकों की परेड की और बताया कि हम 162 विधायक हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी पहले ही दावा कर चुके हैं कि बीजेपी के पास बहुमत साबित करने के लिए विधायक नहीं हैं. हालांकि उन्होंने कहा था कि बीजेपी कल तक विधायक इकट्ठा कर लेगी और अपनी सरकार बनाएगी.
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Bhut hi sunder samaachar vyavastha h thanks