मुंबई, महाराष्ट्र में आए सियासी भूचाल के बाद वहां तख्तापलट हो गया और सरकार बदल गई. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बेआबरू होकर महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल होना पड़ा, जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब देवेंद्र फडणवीस ने एक कविता सुनाई थी, उनकी ये कविता अब तेज़ी से वायरल […]
मुंबई, महाराष्ट्र में आए सियासी भूचाल के बाद वहां तख्तापलट हो गया और सरकार बदल गई. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बेआबरू होकर महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल होना पड़ा, जब उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब देवेंद्र फडणवीस ने एक कविता सुनाई थी, उनकी ये कविता अब तेज़ी से वायरल हो रही है, आज महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद उसका जिक्र किया है.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बागी गुट और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद फिर से अपने उसी ट्वीट का ज़िक्र किया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जब महा विकास अघाड़ी सत्ता में आई थी, तभी मैंने कहा था कि ये सरकार नैसर्गिक नहीं है और टिकेगी नहीं. उन्होंने कहा है कि तब मैंने एक कविता सुनाई थी कि- मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं, लौटकर वापस ज़रूर आऊंगा. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी इस कविता को लेकर उनका खूब मज़ाक बनाया गया था. उन्होंने कहा कि तब का दिन था और आज का दिन है, आज मैं वापस आ गया हूं और अपने साथ किसी और को (एकनाथ शिंदे को) भी लेकर आया हूं.
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि “जिन लोगों ने मेरा अपमान किया, उनसे मेरा बदला यही है कि मैंने उन्हें माफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि राजनीति में हर चीज को दिल पर नहीं लगा लेना चाहिए.” उपमुख्यमंत्री ने कहा कि “राजनीति में हर किसी को आलोचना सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए, हम आलोचना पर प्रतिक्रिया भी व्यक्त करेंगे लेकिन पूरे सलीके के साथ.” फडणवीस ने कहा कि बहुमत साबित किए जाने पर ख़ुशी जताते हुए कहा कि हमने एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर फिर से शिवसेना के साथ सरकार बनाई है, हमने एक सच्चे शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाया है.
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