मैं तो बोलूंगा, कर दो मुझे सस्पेंड.. संसद में बैन शब्दों पर भड़के टीएमसी सांसद

नई दिल्ली, संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने वाला है, इससे ठीक पहले कुछ ऐसे शब्दों की सूची जारी कर दी गई है जिन्हें असंसदीय करार देते हुए उन्हें रिकॉर्ड में नहीं रखने की बात रखी गई है. अब इसी को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमले कर रहा है. तृणमूल कांग्रेस […]

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मैं तो बोलूंगा, कर दो मुझे सस्पेंड.. संसद में बैन शब्दों पर भड़के टीएमसी सांसद

Aanchal Pandey

  • July 14, 2022 4:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने वाला है, इससे ठीक पहले कुछ ऐसे शब्दों की सूची जारी कर दी गई है जिन्हें असंसदीय करार देते हुए उन्हें रिकॉर्ड में नहीं रखने की बात रखी गई है. अब इसी को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमले कर रहा है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा है कि मैं तो इन शब्दों का इस्तेमाल करूँगा.

तृणमूल सांसद ने क्या लिखा ?

दरअसल, अपने एक ट्वीट में तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा है कि संसद में अपनी बात रखते हुए अब हमें इन मूल शब्दों का इस्तेमाल करने की इजाजत भी नहीं दी जाएगी, उन्होंने आगे लिखा है कि वह तो इन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे और सरकार चाहे तो उन्हें निलंबित कर सकती है. उनका कहना है कि वह लोकतंत्र के लिए लड़ेंगे, वहीं तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से भी इस फैसले की आलोचना की गई है.

क्या है मामला

असल में यह मुद्दा तब उठा है जब लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को एक बुकलेट जारी की, जिसमें कुछ शब्द जैसे जुमलाजीवी, अब्यूज्ड, बीट्रेड, करप्ट, ड्रामा, हिपोक्रेसी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर, स्नूपगेट, अशेम्ड, इनकंपीटेंट, असंसदीय जैसे शब्दों का इस्तेमाल असंसदीय भाषा की श्रेणी में आएगा. इसलिए इन शब्दों का इस्तेमाल लोकसभा और राज्यसभा में न किया जाएगा, बस इसी बुकलेट के जारी होने के बाद से बवाल शुरू हो गया और विपक्ष इसकी आलोचना करने लगा.

इसके लिए लोकसभा सचिवालय ने बकायदा ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक के तहत इन शब्दों और वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है. अब लोकसभा एवं राज्यसभा में बहस के दौरान यदि सांसद इन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें ‘असंसदीय’ माना जाएगा और उन्हें सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा.

 

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