Delhi MCD Election: नई दिल्ली। दिल्ली में एमसीडी चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं पक्ष एवं विपक्ष की कवायदें लगातार बढ़ती जा रही हैं, एमसीडी में लगभग 15 वर्षों से काबिज भाजपा को हराने के लिए अरविंद केजरीवाल लगातार नीतियां बनाकर प्रचार एवं प्रसार कर रहे हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो भाजपा फिर से […]
नई दिल्ली। दिल्ली में एमसीडी चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं पक्ष एवं विपक्ष की कवायदें लगातार बढ़ती जा रही हैं, एमसीडी में लगभग 15 वर्षों से काबिज भाजपा को हराने के लिए अरविंद केजरीवाल लगातार नीतियां बनाकर प्रचार एवं प्रसार कर रहे हैं। लेकिन सूत्रों की मानें तो भाजपा फिर से अपना पुराना दांव खेल अरविंद केजरीवाल को नतमस्तक कर सकती है। हालांकि भाजपा के इस दांव से सबसे बड़ा नुकसान भाजपाई नेताओंं को ही होने वाला है।
दिल्ली में एमसीडी चुनाव लगभग करीब आ चुके हैं। इन चुनावों को जीतने के लिए भाजपा अपना पुराना पैंतरा खेल सकती है। जिसका सीधा नुकसान भाजपा के ही नेताओंं को होने वाला है। अख़िर क्या है भाजपा का यह पैंतरा, जिसके सहारे भाजपा ने पिछले चुनावों में भी जीत हासिल कर सभी विपक्षी दलों को धूल चटा दी थी।
नगर निगम चुनावों में भाजपा सभी दागी चरित्र वाले नेताओं का टिकट काटने का फैसला कर चुकी है।
इस तरह का फैसला पिछले नगर निगम चुनावों में लेने से भाजपा को सफलता मिली थी, इसलिए भाजपा अपने इस पुराने पैंतरे को फिर से अपनाकर विरोधी दलों को बैकफुट पर रखने का मन बना चुकी है।
2017 के नगर निगम चुनावों में भाजपा ने किसी भी सिटिंग पार्षदों को टिकट नही दिए थे। यदि इस बार भी भाजपा इस नीति को अपनाती है तो सिटिंग पार्षदों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। जहां एक ओर पार्षद 5 वर्षों तक दोबारा टिकट मिलने की आस में लगातार मेहनत करते हैं, वहीं सिटिंग पार्षदों के टिकट कटने से भाजपा नेता परेशान हैं।
इसाथ ही जिन नेताओं का परफॉर्मेंस बेहतर नहीं रहा है, उनका टिकट भी निश्चित कटने के संकेत भाजपा ने दे दिए हैं, भाजपा के इस फैसले से एंटी इन्कम्बेंसी के असर को बेअसर किया जा सकता है। 2017 के नगर निगम चुनावों में भी भाजपा पर एंटी इन्कम्बेंसी का कोई असर नही दिखाई दिया था।
दिसंबर में होने वाले नगर निगम चुनावों को लेकर भाजपा ने मंगलवार को 21 कमेटियों का गठन किया है, यह कमेटियां चुनाव प्रबंधन, घोषणा पत्र, प्रचार अभियान, मीडिया और विज्ञापन सामग्री की खरीद आदि से जुड़ी होंगी। इस पोल पैनल के सदस्यों में वरिष्ठ नेता एवं पदाधिकारी भी जुड़े होंगे।
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