Advertisement

दिल्ली की अदालत ने राहुल गांधी को 3 साल के लिए नियमित पासपोर्ट की दी अनुमति

नई दिल्ली: शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तीन साल के लिए नियमित पासपोर्ट प्राप्त करने की अनुमति दे दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात (Gujarat) के सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने और लोकसभा से अयोग्य करार किए […]

Advertisement
दिल्ली की अदालत ने राहुल गांधी को 3 साल के लिए नियमित पासपोर्ट की दी अनुमति
  • May 26, 2023 9:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तीन साल के लिए नियमित पासपोर्ट प्राप्त करने की अनुमति दे दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात (Gujarat) के सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने और लोकसभा से अयोग्य करार किए जाने के बाद अपना राजनयिक दस्तावेजों के साथ-साथ अपना पासपोर्ट सरेंडर करना पड़ा था.

जिसके बाद से राहुल ने कोर्ट से दस वर्ष की अवधि के लिए सामान्य पासपोर्ट जारी करने के सिलसिले में अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) का अनुरोध किया था.
जिस पर न्यायधीश ने रिपोर्ट जारी कर राहुल के वकील से कहा था कि ‘मैं आंशिक रूप से आपकी अर्जी मंजूर कर रहा हूं’ पर यह 10 वर्ष के लिए नहीं बल्कि तीन वर्ष के लिए है. मतलब साफ़ है कि राहुल गांधी को तीन साल बाद फिर से NOC के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा.

जाने क्या था पूरा मामला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 23 मार्च को 2019 की चुनावी रैली में की गयी टिप्पणी को लेकर एक आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें सांसद पद से निलंबित कर दिया गया था. राहुल गाँधी के सरनेम टिपण्णी पर विवाद छिड़ गया था. बता दें कि राहुल गाँधी ने PM मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। सभी चोरों का एक ही सरनेम ‘मोदी’ कैसे हो सकता है?’
“सभी चोरों का उपनाम मोदी है”

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ गुजरात अदालत में मामला दर्ज कराया था और तर्क देते हुए कहा था कि गांधी ने एक ही उपनाम के साथ लोगों का अपमान किया है. वहीं इस तर्क को स्वीकार करते हुए, सूरत में एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी बता दें कि यह एक कट-ऑफ दोषसिद्धि है जो एक विधायक को सदन से स्वतः अयोग्य घोषित कर देती है.

हालांकि, अदालत ने गांधी को कुछ राहत दी, उनकी सजा को तब तक के लिए निलंबित कर दिया गया है जब तक कि उनकी अपील का निस्तारण नहीं किया जा सके यह मामला अब गुजरात उच्च न्यायालय में है जो अगले महीने अपना फैसला सुना सकता है.

वहीं अब इस नए पासपोर्ट के लिए कांग्रेस नेता की अपील के विरोध में BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी सामने आए हैं.

ये भी पढ़ें :

New Parliament: जानिए नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर क्या कहता है भारत का संविधान

Advertisement