CWC Resolution Loksabha Results 2019: लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस में नतीजों पर मंथन का दौर चल रहा है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सामने अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की जिसे खारिज कर दिया गया. कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर देश के समक्ष मौजूद चुनौतियों की फेहरिस्त सत्ताधारी बीजेपी के सामने रखी है. कांग्रेस ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि वो अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए विभाजनकारी ताकतों के खिलफ मजबूती से लड़ती रहेगी.
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की जबर्दस्त वापसी हुई है वहीं कांग्रेस की अगवाई वाला यूपीए बुरी तरह पराजित हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से अपने परिवार की पारंपरिक सीट भी स्मृति इरानी के हाथों गंवा बैठे. कांग्रेस में अब हार पर मंथन का दौर चल रहा है. आज दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की जिसे वर्किंग कमेटी ने ठुकरा दिया. राहुल गांधी के इस्तीफे के प्रस्ताव पर पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “कांग्रेस अध्यक्ष ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की लेकिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने यह पेशकश खारिज कर दी. कांग्रेस को ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में राहुल गांधी की जरूरत है. कांग्रेस पार्टी अपने सिद्धांतों पर अडिग है. हमें देश में विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ और अधिक मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे.” कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक प्रस्ताव पारित किया है.
कांग्रेस कार्यसमिति का प्रस्ताव – 25 मई, 2019
कांग्रेस कार्यसमिति 2019 लोकसभा चुनाव के जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करती है. कांग्रेस कार्यसमिति 12.13 करोड़ साहसी व सजग मतदाताओं को धन्यवाद देती है, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपना विश्वास व्यक्त किया. कांग्रेस पार्टी एक जिम्मेदार व सकारात्मक विपक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभाएगी और देशवासियों की समस्याओं को सामने रख उनके प्रति सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी.
कांग्रेस कार्यसमिति कांग्रेस अध्यक्ष, पार्टी के पदाधिकारियों व नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं तथा कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रति आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने चुनावी अभियान की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कड़ा संघर्ष करते हुए दिन-रात जमीनी मेहनत की. कांग्रेस कार्यसमिति हमारे सभी सहयोग दलों व उनके नेतृत्व को धन्यवाद देती है, जिन्होंने इस सैद्धांतिक लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का साथ दिया.
Randeep Surjewala, Congress: Party President Rahul Gandhi offered his resignation but it was rejected by the members of CWC unanimously. pic.twitter.com/aXLjPa72aj
— ANI (@ANI) May 25, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी में कर सकते हैं आमूलचूल बदलाव
कांग्रेस अध्यक्ष, श्री राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति के सम्मुख अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की पेशकश की, मगर कार्यसमिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति व एक स्वर से इसे खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष को आह्वान किया कि प्रतिकूल व चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पार्टी को श्री राहुल गांधी के नेतृत्व व मार्गदर्शन की आवश्यकता है. कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस अध्यक्ष, श्री राहुल गांधी को देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ों, गरीबों, शोषितों व वंचितों की समस्याओं के लिए आगे बढ़कर जूझने का आग्रह किया.
कांग्रेस कार्यसमिति उन चुनौतियों, विफलताओं और कमियों को स्वीकार करती है, जिनकी वजह से ऐसा जनादेश आया. कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी के हर स्तर पर संपूर्ण आत्मचिंतन के साथ साथ कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करती है कि वो पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन एवं विस्तृत पुर्नसंरचना करें। इसके लिए योजना जल्द से जल्द लागू की जाए.
Randeep Surjewala, Congress: CWC has given Congress President the right to makes changes to restructure the party, a plan for this will be brought soon. pic.twitter.com/FLrjppRofG
— ANI (@ANI) May 25, 2019
बैंकिंग सेक्टर पर खतरा, तेल की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव हारा है, लेकिन हमारा अदम्य साहस, हमारी संघर्ष की भावना और हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पहले से ज्यादा मजबूत है. कांग्रेस पार्टी नफरत और विभाजन की ताकतों से लोहा लेने के लिए सदैव कटिबद्ध है. कांग्रेस कार्यसमिति ने देश के समक्ष मौजूदा समय में अनेकों चुनौतियों का संज्ञान लिया, जिनका हल नई सरकार को ढूंढना है. ईरान पर प्रतिबंध लगने के बाद तेल की बढ़ती कीमतें एवं बढ़ती महंगाई एक बड़ी समस्या है. बैंकिंग प्रणाली गंभीर स्थिति में है और एनपीए पिछले पाँच सालों में अनियंत्रित तरीके से बढ़कर 12 लाख करोड़ रु. तक पहुंच गए हैं, जिससे बैंकों की स्थिरता खतरे में है. एनबीएफसी, जिनमें लोगों की मेहनत की कमाई जमा है, उनकी आर्थिक स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े हैं. निजी निवेश की कमी और कंज़्यूमर गूड्स की बिक्री में तीव्र गिरावट के साथ अर्थव्यवस्था में मंदी का संकट मंडरा रहा है.
GN Azad: In CWC meeting everyone unanimously told him(Rahul Gandhi)he did a good job…No one has a doubt on his leadership but situation was like that. If someone can lead the party in such situation. it's only Rahul Gandhi, if anyone can lead opposition, it's only Rahul Gandhi. https://t.co/3pJr0gcDGX
— ANI (@ANI) May 25, 2019
नौकरियों के संकट का निकालें हल
नौकरियों के संकट का कोई समाधान नहीं निकल रहा, जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में है. आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में सूखे की स्थिति के कारण देश में कृषि संकट और बढ़ता जा रहा है. हमारी संस्थाएं भारत के संवैधानिक लोकतंत्र की पहचान हैं, पर आज उनकी निष्पक्षता व अखंडता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. देश में सामाजिक सदभाव व भाईचारे पर लगातार आक्रमण हो रहा है. कांग्रेस कार्यसमिति ने संज्ञान लिया कि इन मुद्दों पर अगली सरकार द्वारा तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. बीजेपी सरकार की जिम्मेदारी और जवाबदेही है कि देश के समक्ष इन समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए. कांग्रेस पार्टी इन समस्याओं का समाधान करने में सकारात्मक और सहयोगात्मक भूमिका अदा करेगी. कांग्रेस कार्यसमिति को उम्मीद है कि केंद्र की भाजपा सरकार इन समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता से सुलझाएगी.