Maharashtra Politics: विपक्षी एकता में दरार? सीटों पर अटकी शिवसेना-NCP की बात

मुंबई: कर्नाटक में कांग्रेस की जबरदस्त जीत ने विपक्षी एकता में जान फूंकने का काम किया है. इस जीत के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने में जुट गए हैं. इस मिशन से पहले महाराष्ट्र में उद्धव गुट की शिवसेना और एनसीपी […]

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Maharashtra Politics: विपक्षी एकता में दरार? सीटों पर अटकी शिवसेना-NCP की बात

Riya Kumari

  • May 22, 2023 6:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

मुंबई: कर्नाटक में कांग्रेस की जबरदस्त जीत ने विपक्षी एकता में जान फूंकने का काम किया है. इस जीत के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने में जुट गए हैं. इस मिशन से पहले महाराष्ट्र में उद्धव गुट की शिवसेना और एनसीपी के बीच सीटों की खींचतान दिखाई दे रही है. बंटवारे को लेकर खींचतान से सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र के विपक्षी दलों में फूट पैदा हो गई है.

उद्धव गुट का ये फैसला पड़ेगा भारी?

हालांकि महाविकास अघाड़ी (MVA) में दरार पड़ना कोई नई बात नहीं है लेकिन जहां लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों को एक करने की कवायद तेज की जा रही है वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के अंदर दलों के बीच फूट पड़ना बड़े सवाल खड़े कर रहा है. बता दें, उद्धव गुट ने 19 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है जिसमें दादर नगर हवेली भी शामिल है. बता दें, दादर नगर हवेली सीट को शिवसेना उपचुनाव में जीत चुकी है. पार्टी में दल-बदल के बाद उद्धव खेमे को भरोसा है कि भाजपा के खिलाफ उनके पास सहानुभूति की लहर है जिसका फायदा उन्हें पहुंचेगा. इसलिए वह उन 18 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जिसे उन्होंने पिछली बार जीता था.

बयानबाजी से NCP में नाराज़गी

दूसरी ओर शिवसेना नेताओं का कहना है कि पूरे महाराष्ट्र में उद्धव की रैलियों को जबरदस्त प्रतिक्रया भी मिल रही है. जिसे देखते हुए पार्टी ने अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. हालांकि सीट का बँटवारा इतना भी आसान नहीं है क्योंकि उद्धव गुट से शिवसेना के सांसद संजय की बयानबाजी को लेकर NCP नेता नाराज़ नज़र आ रहे हैं. शरद पवार की पार्टी एनसीपी मानती है कि जमीनी तौर पर उनके पास मजबूत कैडर है और कांग्रेस-शिवसेना की तुलना में उनका पाला अधिक भारी है. उनके 54 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. बात करें उद्धव गुट की तो उनकी संख्या भी घटकर केवल 14 रह गई है.

अजित पवार का पलटवार

संजय राउत के बयान पर पलटवार करते हुए रविवार को विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि किसी भी पार्टी का किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में एकाधिकार नहीं होना चाहिए. बतौर पार्टी आपको लोगों को विश्वास दिलाना चाहिए। लोकसभा चुनाव 2019 में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं. इसमें कांग्रेस के खिलाफ 8 और NCP के खिलाफ 8 सीटें जीती थीं. अजित पवार के बेटे पार्थ मावल लोकसभा क्षेत्र में शिवसेना के उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे.

अजित पवार ने आगे कहा कि , एमवीए (महा विकास अघाड़ी) का हिस्सा हैं. एकजुट और मजबूत रहना हमारा कर्तव्य है, लेकिन एमवीए में आपको तभी महत्व मिलेगा, जब आप जमीनी स्तर पर मजबूत हों.कांग्रेस NCP से ज़्यादा सीटें जीतती आई है इसलिए हमें छोटे भाई की तरह से ट्रीट किया गया है. लेकिन हम मजबूत और बड़े हो गए हैं क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनावों में हमने 54 सीटें जीती हैं.

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