नई दिल्ली. देश आज 72 वां संविधान दिवस ( Constitution day ) मना रहा है. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पीएम ने एक विशिष्ठ सभा को सम्बोधित किया. सेंट्रल हॉल में हुए अपने भाषण की शुरुआत करते हुए पीएम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और […]
नई दिल्ली. देश आज 72 वां संविधान दिवस ( Constitution day ) मना रहा है. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पीएम ने एक विशिष्ठ सभा को सम्बोधित किया. सेंट्रल हॉल में हुए अपने भाषण की शुरुआत करते हुए पीएम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए की. इस अवसर पर उन्होंने विपक्षी पार्टी के शामिल नहीं होने पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि यह विरोध आज से नहीं हो रहा है.
सेंट्रल हॉल की विशिष्ठ सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कई दल अपना लोकतात्रिक चरित्र खो चुके हैं. भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो है पारिवारिक पार्टियां. उन्होंने आगे कहा, योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है. लेकिन एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में है. महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों के लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी. अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता.
पीएम ने कहा बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहे. संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं.
जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं. हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है. आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया था. देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया. आज मैं उन बलिदानियों को भी नमन करता हूँ.