कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के सारे जजों से अपील की है कि वो एक साथ बैठें और 4 जजों के गंभीर सवालों का समाधान निकालें जिससे न्यायपालिका की आजादी सुरक्षित रहे. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज पर 4 जजों के सवालों को गंभीर बताते हुए इसको ध्यान से देखने की जरूरत बताई. राहुल ने जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की अपनी पार्टी की मांग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस मामले की सर्वोच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए.
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस और 4 सीनियर जजों के मतभेद खुलकर सामने आने के बाद अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले औपचारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जजों ने जो सवाल उठाए हैं वो बहुत गंभीर हैं और उनको ध्यान से देखना चाहिए. राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि उन लोगों ने जस्टिस लोया की मौत की बात उठाई है जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के उच्चतम स्तर पर होनी चाहिए.
राहुल गांधी ने प्रेस के सामने आने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, रणदीप सिंह सूरजेवाला, कपिल सिब्बल के साथ बैठक की. बैठक के बाद मीडिया के सामने आए राहुल ने कहा कि देश के न्यायिक इतिहास की ये अभूतपूर्व घटना है. उन्होंने कहा कि लीगल सिस्टम पर पूरा देश भरोसा करता है. राहुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लेकर ऐसी गंभीर बात उठी है इसलिए वो और उनकी पार्टी बयान दे रहे हैं कि मामला गंभीर है और इस पर ध्यान देना चाहिए.
कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी करके सुप्रीम कोर्ट के सारे जजों से अपील की है कि वो एक साथ बैठें और चार जजों के उठाए सवालों पर कोर्ट की परंपरा के मुताबिक इस मसले का समाधान निकालें ताकि न्यायपालिका की आजादी कायम रहे. कांग्रेस पार्टी ने बयान में सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच केसों के मनमाने बंटवारे पर भी रोक लगाने की मांग की है और कहा है कि कोर्ट की परंपरा का पालन होना चाहिए और संवेदनशील मामले सीनियर जजों को देना चाहिए.
AICC Press Release: INC Statement on the 4 SC Judges Press Conference on the functioning of the Supreme Court. pic.twitter.com/txekcEupkL
— Congress (@INCIndia) January 12, 2018
इससे पहले दोपहर में सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और कुरियन जोसफ ने मीडिया को संबोधित करके चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज और सुप्रीम कोर्ट प्रशासन पर सवाल खड़े किए थे. जस्टिस चेलेमेश्वर ने कहा था कि यह किसी भी देश के इतिहास में अभूतपूर्व घटना है क्योंकि हमें मीडिया के सामने आने के लिए मजबूर होना पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और लोग 20 साल बाद ये ना कहें कि हमने जमीर बेच दी थी इसलिए हम जनता की अदालत में बात रख रहे हैं.
The Congress Party earnestly appeals that the Full Court of the Supreme Court should take up the issues raised by the four Honourable Judges and find solutions that are consistent with the traditions and conventions of the Judiciary.
Our Statement:- pic.twitter.com/uyqILnrX5E
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 12, 2018
जजों की शिकायत है कि चीफ जस्टिस मनमानी कर रहे हैं और सीनियर जजों की नहीं सुनते. सूत्रों का कहना है कि ये सब सुप्रीम कोर्ट में कौन जज किस केस की सुनवाई करेगा, इसको लेकर हो रहा है. नवंबर में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने ये अधिकार अपने पास सुरक्षित कर लिया था और साफ कर दिया था कि कोई दूसरा जज अपने कोर्ट में सीधे मेंशन या याचिका पर आदेश नहीं पारित करेगा. सूत्रों का कहना है कि सोहराबुद्धीन शेख फर्जी मुठभेड़ केस के जज जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का भी जजों के मतभेद से संबंध है.
चीफ जस्टिस के कामकाज पर सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों ने उठाए गंभीर सवाल
देश के इतिहास में पहली बार हुई सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस की दस बड़ी बातें
https://www.youtube.com/watch?v=4u5xopXUtps&feature=youtu.be