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जम्मू कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों को रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस लेने के आदेश, राहुल गांधी बोले- जब पीएम नरेंद्र मोदी अच्छे दोस्त हों तो हर डील मिलेगी

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर पीएम नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी की दोस्ती का हवाला देते हुए निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दोस्त को जब राफेल डील मिल सकती है तो हेल्थ इंश्योरेंस क्यों नहीं खरीदवाया जा सकता.

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Rahul Gandhi Attacks PM Narendra Modi on buy Reliance health insurance
  • October 6, 2018 3:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल प्रशासन ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए ग्रुप मेडिक्लेम स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरूआत की है. राज्यपाल प्रशासन ने कर्मचारियों से रिलायंस जनरल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए कहा है जो कि अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी है. इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अनिल अंबानी के साथ दोस्ती को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधा है.

स्वास्थ्य बीमा मामले पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, ‘जब आपका बेस्ट फ्रेंड फॉरएवर प्रधानमंत्री हो तो आपको 1,30,000 करोड़ रुपये की राफेल डील भी बगैर किसी अनुभव के मिल सकती है. लेकिन रुकिए, बस यही काफी नहीं है. आपके लिए और भी है. जाहिर है, जम्मू-कश्मीर के चार लाख सरकारी कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए भी आपके साथ ही हाथ मिलाया जाएगा.’

दरअसल, जम्मू-कश्मीर सरकार ने लिखित आदेश जारी कर कहा है कि मैसर्स रिलायंस जनरल हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ 8,777 रुपये और 22,229 रुपये (क्रमशः कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए) के वार्षिक प्रीमियम पर किया गया है. यह पॉलिसी राज्य के सभी सरकारी (राजपत्रित और गैर राजपत्रित) कर्मचारियों, विश्वविद्यालयों, आयोगों, स्वायत्त निकाय और पीएसयू को खरीदना अनिवार्य है.

राहुल गांधी पहले से ही राफेल जेट की ऑफसेट डील अनिल अंबानी की कंपनी को दिए जाने को लेकर पीएम मोदी पर हमलावर हैं. इस मामले पर सरकार का कहना है कि ऑफसेट डील के लिए अनिल अंबानी की कंपनी को डसॉल्ट ने चुना है, इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है. राहुल गांधी और कांग्रेस सरकार की सफाई को मानने से इंकार कर रहे हैं और इस डील में सीधे तौर पर सरकार की भूमिका के आरोप लगा रहे हैं.

राफेल डील पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद कांग्रेस और ज्यादा आक्रामक तरीके से मोदी सरकार पर हमलावर हो गई थी. ओलांद ने कहा था कि राफेल डील के समय भारत सरकार ने रिलायंस को हमारे सामने रखा था. इसके अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं था. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि ऑफसेट डील रिलायंस के साथ करने के बारे में सिर्फ डसॉल्ट ही बता सकती है.

 

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