राफेल डील विवादः वायुसेना, शहीद फाइटर पायलट और HAL कर्मचारियों को राहुल गांधी ने किया याद, कहा- इंसाफ दिलाकर रहेंगे

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील मामले में वायुसेना अधिकारियों, शहीद फाइटर पायलट्स, देश के जवानों और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) कर्मचारियों को याद करते हुए एक ट्वीट किया है. वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी राफेल विमानों की संख्या घटाने को लेकर मोदी सरकार पर सवालों की बौछार की है.

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राफेल डील विवादः वायुसेना, शहीद फाइटर पायलट और HAL कर्मचारियों को राहुल गांधी ने किया याद, कहा- इंसाफ दिलाकर रहेंगे

Aanchal Pandey

  • September 25, 2018 3:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर हैं. राफेल डील विवाद को लेकर राहुल गांधी मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं. मंगलवार को राहुल ने देश के वायुसेना अधिकारियों, जवानों और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) कर्मचारियों को याद करते हुए एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि हम आपका दर्द समझते हैं, इसे महसूस करते हैं. हम सभी शहीदों और पीड़ित परिवारों को जरूर इंसाफ दिलाएंगे.

राहुल गांधी के इस ट्वीट को राफेल डील विवाद से जोड़कर ही देखा जा रहा है क्योंकि उन्होंने अपने ट्वीट में वायुसेना अधिकारियों के साथ-साथ HAL कर्मचारियों का भी जिक्र किया है. राहुल ने लिखा, ‘हर वायुसेना अधिकारी और जवान जिसने देश की सेवा की, हर भारतीय फाइटर प्लेन पायलट जो शहीद हुए, वह हर कर्मचारी जिसने HAL के लिए काम किया, हम आपका दर्द समझते हैं. हम समझते हैं कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं. हम उन सभी को न्याय दिलाएंगे जिनका अपमान हुआ और जिन्हें आपसे छीन लिया गया.’ राहुल गांधी ने सोमवार को अमेठी में भी राफेल डील, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं संबंधी मुद्दों को गिनाते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला था. राफेल डील विवाद में पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर अपने चरम पर है.

मंगलवार को कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी राफेल मामले में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि UPA सरकार के समय भारतीय वायुसेना ने 126 राफेल विमानों की मांग की थी. हमारी सरकार ने 126 विमानों का ही ऑर्डर दिया था लेकिन एनडीए ने इसे बदलकर 36 कर दिया. सरकार बताए कि ऐसा क्यों किया गया. सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने भी इस बात को कबूल किया कि राफेल डील को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने शर्त रखी थी कि यह डील तभी संभव होगी जब अनिल अंबानी की कंपनी को ये कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा. राफेल के लिए तकनीक के हस्तांतरण के लिए पीएम और एनडीए ने सौदे को तोड़ने से इनकार क्यों किया?’ बताते चलें कि कथित राफेल घोटाले में कांग्रेस संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांच की मांग कर रही है और केंद्र सरकार जेपीसी जांच की मांग को खारिज कर चुकी है.

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