नई दिल्ली. राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा इस समय मध्य प्रदेश में है, कुछ ही दिनों में ये यात्रा राजस्थान पहुँचने वाली है. ऐसे में, राजस्थान की सियासी कलह भी एक बार फिर सामने आ गई है हालांकि बीते दिन अशोक गहलोत और सचिन पायटल साथ नज़र आए, लेकिन अभी ये कहना थोड़ा जल्दबाज़ी होगा कि दोनों में सुलह हो गई है. क्योंकि बीते दिनों अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर बड़ा वार किया था, उन्होंने पायलट को गद्दार तक कह दिया था और साथ ही ये भी कहा था कि वे उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में कभी स्वीकार नहीं कर सकते। वहीं, अब पायलट कैम्प और गहलोत कैंप के बयानवीर मंत्रियों पर आलाकमान सख्त हो गया है. ऐसे में, हाईकमान ने पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने दोनों कैम्प के बयानवीरों की लिस्ट मांगी है, कहा जा रहा है कि इनके खिलाफ कोई बड़ा एक्शन हो सकता है.
दरअसल, 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक का जब बहिष्कार किया गया था तभी आलाकमान ने एक स्पष्ट एडीवाइज़री जारी कर दी थी, जिसमें लिखा था कि मंत्रियों और नेताओं को किसी भी तरह की बयानबाज़ी से बचना है. लेकिन, इस एडवाइज़री के बावजूद मंत्रियों ने बयानबाज़ी की ऐसे में अब इन बयानवीरों के खिलाफ पार्टी कोई कदम उठा सकती है. बयानवीरों में पायलट कैम्प में माने जाने वाले राजेंद्र गुढ़ा, दिव्या मदरेणा और रामखिलाड़ी बैरवा शामिल हैं. वहीं, गहलोत कैम्प के मंत्री परसादी लाल मीणा भी बयानबाज़ी कारण से पीछे नहीं हटे और उन्होंने भी खूब बयान दिए हैं. इस संबंध में किसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से उन नेताओं की लिस्ट मांगी है जिन्होंने एडवाइज़री जारी होने के बाद भी बयानबाज़ी की है.
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