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Ashok Gehlot के हाथ आएगी अध्यक्ष पद की कमान? राहुल को मनाने के सवाल पर ये क्या कह दिया..

नई दिल्ली. इस समय कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव सबसे गर्म मुद्दा बना हुआ है, कहा रहा है कि अध्यक्ष पद की रेस में अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे है. वहीं, अध्यक्ष पद को लेकर शशि थरूर की महत्वकांक्षाएं भी कुलांचे मार रही है. ऐसे में जब अशोक गहलोत से अध्यक्ष पद को लेकर […]

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Ashok Gehlot के हाथ आएगी अध्यक्ष पद की कमान? राहुल को मनाने के सवाल पर ये क्या कह दिया..
  • September 21, 2022 4:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. इस समय कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव सबसे गर्म मुद्दा बना हुआ है, कहा रहा है कि अध्यक्ष पद की रेस में अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे है. वहीं, अध्यक्ष पद को लेकर शशि थरूर की महत्वकांक्षाएं भी कुलांचे मार रही है. ऐसे में जब अशोक गहलोत से अध्यक्ष पद को लेकर पूछा गया तो उन्होंने इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया, आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा-

नामांकन दाखिल करने पर क्या बोले गहलोत

जब नामांकन दाखिल करने पर अशोक गहलोत से पूछा गया तो उन्होंने कहा- “नामांकन पत्र जो है आज मैं आया हूं, सब मित्रों से बातचीत करेंगे कि सबकी क्या राय है, उसके अकॉर्डिंग टू सब फैसले होंगे, इसलिए मैं अभी आते ही तो अभी क्या कह सकता हूं आपको? इतना ही कह सकता हूं कि जो कांग्रेस वर्तमान हालात में हम लोग चल रहे हैं, उसमें एक तरफ राहुल गांधी जी यात्रा कर रहे हैं, उस यात्रा से ही भारतीय जनता पार्टी में बेचैनी पैदा हो गई है, जो मुद्दे उन्होंने उठाए हैं महंगाई और बेरोजगारी के अलावा भी, देश के अंदर जो हालात बने हुए हैं, उसको लेकर पूरा मुल्क चिंतित है और अब कांग्रेस मजबूत कैसे हो, ये अब देशवासियों को चिंता होने लग गई है कि कांग्रेस प्रतिपक्ष के रूप में मजबूत होनी चाहिए पार्टी और उनका इरादा है कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने का, इसलिए उस माहौल में हम लोग चल रहे हैं, तो हम जो फैसले करेंगे वो फैसले करेंगे, जो हमारे हर फैसले से कांग्रेस मजबूत हो, ये मेरा ध्येय है। आज मुझे पार्टी ने सबकुछ दिया है, हाईकमान ने सबकुछ दिया है, पार्टी ने सबकुछ दिया है, पिछले 40 साल, 50 साल से मैं पदों पर ही हूं, मेरे लिए अब कोई पद इम्पोर्टेंट नहीं है, मेरे लिए है कि किस प्रकार से मैं जो भी जिम्मेदारी मिलेगी मुझे या जो जिम्मेदारी मुझे लेनी चाहिए, वो मैं निभाऊंगा।”

गाँधी परिवार के उनपर विश्वास पर क्या कहा

आगे अशोक गहलोत से सवाल किया गया कि गाँधी परिवार को उनपर बहुत विश्वास हैं, ऐसे में क्या वो अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे. इसपर गहलोत ने कहा, “गांधी परिवार का तो है ही है, जितने भी कांग्रेसजन हैं, उन सबके परिवारों का विश्वास मेरे ऊपर ही है और मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूं कि पूरे देश के कांग्रेसजनों का प्यार, उनकी मोहब्बत, उनका विश्वास मेरे ऊपर है, जो आप भी सुनते होंगे, मैं भी सुनता हूं और इसलिए मैं कोई मना नहीं कर पाऊंगा, जहां मुझे कहेंगे, अगर मुझे फॉर्म भरना है तो मैं फॉर्म भरूंगा, हमारे जो मित्र लोग हैं उनसे बात करेंगे, तो वो भी मैं काम करूंगा, तो जहां मुझे जिम्मेदारी दी गई है, आज मैं मुख्यमंत्री हूं, वो जिम्मेदारी मैं निभा रहा हूं, निभाता रहूंगा मैं, मतलब मेरे ऊपर है कि भई मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है, जहां मेरा उपयोग है, राजस्थान में है, या दिल्ली में है, जहां भी होगा मैं तैयार रहूंगा क्योंकि पार्टी ने मुझे सबकुछ दिया है अब मेरे लिए पद बहुत बड़ी बात नहीं है। अब तो मेरे लिए ये है कि अगर मेरा बस चले तो मैं पद लूं ही नहीं, मैं राहुल गांधी जी के साथ में इस यात्रा में शामिल होऊं, जो हालात देश के अंदर हैं, जो चिंता देश कर रहा है, संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे के अंदर है, ये हमें मानना चाहिए, पूरे देश को बर्बाद करके रख रहे हैं ये लोग, अब हमारे लिए पद की क्या बात है, बिना पद भी सबकुछ कर सकते हैं हम लोग, इसलिए आज अगर मान लो पार्टी के लोग चाहते हैं कि नहीं, मेरी जरूरत है मुख्यमंत्री के रूप में, अध्यक्ष के रूप में, तो मैं मना नहीं कर सकता, ये मेरी धारणा है।

सवाल- गहलोत साहब आपने कहा कि जो जिम्मेदारी दी जाएगी, आप उसको निभाएंगे, अगर कहा जाएगा नामांकन भरने के लिए तो वो भी भरेंगे, लेकिन इसके साथ ही एक ये भी खबर आ रही है कि एक व्यक्ति एक पद, जो आपके ही राज्य में रेजोल्यूशन पास किया गया था, तो…
जवाब- प्रस्ताव हमने पास किया है, जहां नॉमिनेट होते हैं वहां 2 पद होते हैं जहां कोई हाईकमान नॉमिनेट करती है वो 2 पद कहलाते हैं, ये चुनाव तो ओपन है सबके लिए, कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव ओपन है सबके लिए, इसमें कोई भी खड़ा हो सकता है, ये तो जो 9 हजार लोग हैं, 9 हजार में से कोई भी व्यक्ति खड़ा हो सकता है, चाहे वो एमपी है, एमएलए है, मंत्री है, मुख्यमंत्री है, कल कोई कह देगा राज्य का मंत्री कि मैं खड़ा होना चाहता हूं, तो वो हो सकता है, वो मंत्री भी रह सकता है और कांग्रेस अध्यक्ष भी बन सकता है।”

कब तक मुख्यमंत्री रहेंगे ?

वहीं, जब गहलोत से पूछा गया कि वो कब तक मुख्यमंत्री रहेंगे तो उन्होंने कहा कि- “रहने या नहीं रहने की बात मैं नहीं कर रहा हूं, वो तो समय बताएगा कि मैं कहां रहूं, कहां नहीं रहूं, पर मैं वहां रहना पसंद करूंगा जिससे कि मेरे रहने के कारण से फायदा मिलता हो पार्टी को, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा।” फिर उनसे पूछा गया कि वो मुख्यमंत्री पद और अध्यक्ष पद दोनों कैसे संभाल पाएंगे, इसपर उन्होंने कहा- “मैंने कहा न आपको मैं जहाँ भी रहूँ 1 पद पर, 2 पद पर, 3 पद पर या कहीं पर भी नहीं, तो मुझे ऐतराज़ नहीं होगा, मेरी इच्छा तो ये रहेगी अगर मेरा बस चले तो मैं कोई पद पर नहीं रहूं अब, मैंने बहुत पद संभाल लिए, अब मैं मैदान में उतरूं, राहुल गांधी जी के साथ दौरे करूं, यात्रा करूं, जनता को आह्वान करें हम लोग, देशभर के लोगों को आह्वान करके हम लोग सड़कों पर लाएं और ये जो फासिस्टी लोग बैठे हुए हैं, इनके खिलाफ में हम लोग मोर्चा खोलें, मेरी हार्दिक इच्छा तो ये है, मेरी इच्छा क्या काम आएगी क्योंकि पार्टी ने मुझे सबकुछ दिया है, आज अगर पार्टी संकट में है इनके कारनामों से, कोई हमारी गलतियों से नहीं है, डॉ. मनमोहन सिंह जी का शासन जो था सोनिया गांधी जी के साथ में, बेमिसाल था वो, कोल गेट, 2जी स्पेक्ट्रम, लोकपाल, वो कहां चले गए अब? कोई नाम ले ही नहीं रहा है? बर्बाद करके रख दिया इन्होंने, चुनाव जीत गए ये लोग धर्म के नाम पर, आज जो स्थिति देश की है उसमें कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है और कांग्रेस की मजबूती के लिए जहां मेरी आवश्यकता होगी मैं पीछे नहीं हटूंगा।”

शशि थरूर से मुकाबले पर क्या बोले

अध्यक्ष पद को लेकर शशि थरूर से मुकाबले पर अशोक गहलोत ने कहा कि, ” मुकाबले तो होने ही चाहिए, इंटरनल डेमोक्रेसी तो पार्टी में होनी ही चाहिए, तभी तो लोगों को मालूम पड़ेगा कि भई इस पार्टी में इंटरनल डेमोक्रेसी है। कब तो राजनाथ सिंह जी बन गए, कब अमित शाह जी बन गए अध्यक्ष बीजेपी के और कब बन गए नड्डा साहब बन गए, कोई चर्चा होती है देश के अंदर? हमारा सौभाग्य है कि देश का मीडिया सिर्फ कांग्रेस की चर्चा करता है, हम आपके बहुत आभारी हैं आप लोगों के कि कांग्रेस पुरानी पार्टी है, जिसने त्याग-बलिदान और कुर्बानियां आजादी के पहले की और आजादी के बाद की भी आज भी लोगों को याद है, उनके ज़हन में है, इसलिए आज मीडिया वाले देखते हैं कि कांग्रेस, हालांकि वो गोदी मीडिया होगा, दबाव में होगा, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स के होगा, उसके बाद में भी उसके दिल के अंदर ये है कि ये पार्टी मजबूत रहनी चाहिए, हमारी मजबूरी है इसलिए हम गोदी मीडिया बने हुए हैं, पर कांग्रेस का जो आजादी के पहले का और आजादी के बाद का इतिहास है वो किसी भी कीमत पर रिकॉग्नाइज होना चाहिए देश के अंदर, इसलिए आज मीडिया हमारा, चाहे वो नैगेटिव, चाहे पॉजिटिव, किसी न किसी रूप में साथ देता ही देता है, इसके लिए हम आपके आभारी हैं।”

राहुल को मनाने पर क्या कहा ?

जब उनसे पूछा गया कि क्या वो अध्यक्ष पद के लिए राहुल गाँधी को मनाने जा रहे हैं, तो इसपर उन्होंने कहा “जा रहा हूं मैं, आखिरी बार जाकर मैं एक बार और रिक्वेस्ट करूंगा, मैंने ही प्रस्ताव रखा था प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदर 4-5 दिन पहले कि राहुल गांधी जी को अध्यक्ष पद स्वीकार करना चाहिए, हमारी इच्छा है कि अगर एज ए कांग्रेस अध्यक्ष वो यात्रा करते हैं, तो और ज्यादा एक ऑरा बनेगा पार्टी का, मेरा मानना है, तो मैं जाकर उनसे और बात कर रहा हूं, एक बार और प्रयास करेंगे, उसके बाद में मैं तय करूंगा, तब मैं आपसे मिलूंगा।”

 

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