Pakoda Politics: देश में इस समय पकौड़ा पॉलिटिक्स जोरों पर है. हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है. मंगलवार को सत्र के दूसरे दिन कांग्रेसी विधायकों ने असेंबली के बाहर पकौड़े बेचकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन चल ही रहा था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद वहां पकौड़े खरीदने के लिए पहुंच गए. उन्होंने कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल और किरण चौधरी से 10 रुपये के पकौड़े खरीदे और वहीं पर पकौड़ों का स्वाद चखा. सीएम खट्टर को पकौड़े खरीदते देख एक वक्त के लिए कांग्रेस विधायक भी हक्के-बक्के रह गए.
चंडीगढ़ः देश में पकौड़े इस समय राष्ट्रीय मुद्दा बने हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पकौड़े बेचने को रोजगार से क्या जोड़ा, पकौड़े सियासी बवाल की परिधि में आ गए. इसी से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला हरियाणा में देखने को मिला, जहां मंगलवार को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन हंगामे के साथ शुरू हुआ. कांग्रेस विधायकों ने कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा के बाहर पकौड़े बेचकर प्रदर्शन किया. कांग्रेसी विधायक उस समय दंग रह गए जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद पकौड़े खरीदने के लिए उनके पास आ गए.
सीएम मनोहर लाल खट्टर पकौड़े खरीदने के लिए विधानसभा से बाहर गए. मुख्यमंत्री खट्टर ने कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल और किरण चौधरी से 10 रुपये के पकौड़े खरीदे और वहीं पर पकौड़ों का स्वाद चखा. एक वक्त के लिए मौके पर हंसी-मजाक का माहौल बन गया. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने पकौड़े लेकर विधानसभा में जाने की कोशिश की लेकिन उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया. कृषि मंत्री ओ.पी. धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस ने पहले चाय बेचने वालों का अपमान किया था और अब पकौड़े बेचने वालों का अपमान कर रही है. जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी.
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायक शकुंतला खटक ने चुटकी लेते हुए कैबिनेट मंत्री रामबिलास शर्मा को पकौड़े भेंट किए. रामबिलास शर्मा ने कहा कि कांग्रेस त्रिपुरा और मेघालय की हार का जश्न मना रही है इसलिए कांग्रेसी नेता पकौड़े तल रहे हैं. गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में पकौड़े बेचे जाने को रोजगार से जोड़ा था. इसके बाद बीजेपी चीफ अमित शाह ने भी राज्यसभा में अपने डेब्यू भाषण के दौरान देश को युवाओं को संदेश देते हुए कहा था कि खाली बैठने से बेहतर है कि देश के युवा पकौड़े बेचे. जिसके बाद देश में एक अलग तरह की पकौड़ा पॉलिटिक्स शुरू हो गई. देश के कई शहरों में छात्रों ने विरोध दर्ज कराते हुए स्कूल-कॉलेजों के बाहर पकौड़े बेचे.