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कांग्रेस ने राफेल डील को लेकर फिर बोला हमला, कहा- खुद के बुने झूठ के जाल में फंसी मोदी सरकार

राफेल डील को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार फिर कथित राफेल घोटाले पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने कहा कि एक झूठ छुपाने के लिए मोदी सरकार सौ झूठ बोल रही है.

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Congress leader Randeep singh surjewala attack on Modi govt over rafale scam
  • September 8, 2018 3:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः राफेल डील पर सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन कर रही कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कथित राफेल घोटाले को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राफेल डील को लेकर एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. जिन राफेल विमानों को सरकार द्वारा खरीदा गया है वह विशिष्ट बदलावों के बिना फ्रांस से भारत आएंगे. इतना ही नहीं, राफेल डील के तहत भारत को इन विमानों की आपूर्ति 2022 में होगी.

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘ये सरकार राफेल डील को लेकर खुद अपने ही झूठ के जाल में फंसती जा रही है. सरकार एक झूठ छुपाने के लिए सौ झूठ बोल रही है. चौंकाने वाली बात यह है कि जो राफेल विमान फ्रांस से भारत आएंगे वो भारत के हिसाब से ‘विशिष्ट बदलाव’ किए बिना आएंगे. इतना ही नहीं, राफेल डील के तहत भारत को राफेल विमान 2022 में मिलेंगे. अगर 2015 में विमानों की आपात खरीद की गई थी, तो फिर उसकी आपूर्ति 2022 में क्यों होगी? फिर ये आपात खरीद कैसे हुई?’

रणदीप सुरजेवाला ने पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए कहा, भारतीय वायु सेना ने 126 लड़ाकू विमानों की मांग की थी, क्या मोदी सरकार ने 126 के बजाय केवल 36 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदकर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया है? यूपीए सरकार द्वारा जारी किए गए कॉम्बैट एयरक्राफ्ट टेंडर में संपूर्ण हथियारों और ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी का भी जिक्र किया गया था. मोदी सरकार के सौदे में इसका कहीं जिक्र नहीं है. कांग्रेस सरकार द्वारा जारी RFP में प्रारंभिक खरीद, ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी, लाईसेंस्ड प्रोडक्शन आदि कई अहम बातों का साफ तौर पर जिक्र किया था, मोदी सरकार ने अपनी डील में इसे पूरी तरह से दरकिनार किया है.

सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए आगे कहा, ‘मोदी जी देश को बताएं कि 526 करोड़ रुपये वाला लड़ाकू विमान 1,670 करोड़ रुपये में खरीदकर देश को 41,000 करोड़ रुपये का चूना कैसे लगाया? अगर प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के पास राफेल डील में छुपाने को कुछ नहीं है तो वह संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को क्यों स्वीकार नहीं कर रहे?’ सरकार द्वारा राफेल की कीमत ना बताने पर उन्होंने आगे कहा, ‘डसॉल्ट कंपनी ही मिराज-2000 जहाज बनाती है, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने संसद में इसकी कीमत बताई थी. अगर इसी कंपनी द्वारा बनाए गए मिराज विमान की कीमत बताई जा सकती है तो फिर मोदी सरकार राफेल विमान की कीमत देश को क्यों नहीं बता रही?’

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