Congress Karan Singh on Jammu kashmir Article 370 Revoked: कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे करण सिंह ने किया जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने का समर्थन, बोले- 1965 में ही करते लद्दाख अलग

Congress Karan Singh on Jammu kashmir Article 370 Revoked: कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे, डॉ करण सिंह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निरस्त करने पर सरकार के फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि, केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के उभरने का स्वागत किया जाना चाहिए. अनुच्छेद 35 ए में लिंग भेदभाव को संबोधित करने की आवश्यकता है. मेरी एकमात्र चिंता जम्मू और कश्मीर के सभी खंड और क्षेत्र के लिए आगे के कल्याण के लिए है.

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Congress Karan Singh on Jammu kashmir Article 370 Revoked: कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे करण सिंह ने किया जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने का समर्थन, बोले- 1965 में ही करते लद्दाख अलग

Aanchal Pandey

  • August 8, 2019 12:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के बेटे, डॉ करण सिंह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निरस्त करने पर सरकार के फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि, केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के उभरने का स्वागत किया जाना चाहिए. अनुच्छेद 35 ए में लिंग भेदभाव को संबोधित करने की आवश्यकता है. मेरी एकमात्र चिंता जम्मू और कश्मीर के सभी खंड और क्षेत्र के लिए आगे के कल्याण के लिए है. उन्होंने कहा कि, 1965 में ही लद्दाख को अलग करके केंद्र प्रशासित प्रदेश कर देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार के जम्मू और कश्मीर के लिए उठाए गए कदमों की निंदा से वो सहमत नहीं हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता करण सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा एक बड़ी भूल सुधारने के इशारे के साथ कहा, इस फैसले में कई सकारात्मक बिंदु हैं.

उन्होंने कहा, मैं मानता हूं कि सरकार का संसद में लिया गया कदम बेहद हैरान करने वाला था. हालांकि उनके (सरकार के) पास इस फैसले के दूर तक जाने वाले कारण होंगे. मैं इस फैसले पर गहराई से विचार कर रहा हूं. मैं इस कदम का विरोध करने वालों के साथ नहीं हूं. इसमें कई सकारात्मक प्वॉइंट्स हैं. लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का स्वागत करना चाहिए. ये मैंने खुद 1965 में सुझाया था जब मेरे पास रियासत थी कि जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन हो.

उन्होंने कहा कि, मैं मानता हूं कि राजनीतिक संवाद बना रहना चाहिए. राज्य की दो बड़ी पार्टी को देशद्रोही कहकर खारिज नहीं किया जाना गलत है. उनके कार्यकर्ताओं ने सालों से काम करते हुए कई त्याग किए हैं. यहां तक की दोनों ही पार्टी केंद्र और राज्य की सरकारों के गठन में राष्ट्रीय पार्टियों को समर्थन दे चुकी हैं. इसलिए मैं ये गुजारिश भी करुंगा कि दोनों पार्टियों के नेताओं को जल्द से जल्द छोड़ दिया जाए और बड़े पैमाने पर उनके और समाज के नागरिकों के साथ हाल ही में हुए बदलावों पर एक राजनीतिक संवाद आयोजित किया जाए. जम्मू और कश्मीर को जल्द ही पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए ताकि यहां के नागरिक बाकि देश को मिलने वाले राजनीतिक अधिकारों का लाभ उठा सकें.

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