रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. चुनाव आयोग पहले ही उनके नाम पर खदान का पट्टा लेने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित करने का नोटिस दे चुका है. अब उनके विधायक भाई बसंत सोरेन को भी खदान कंपनी में भागीदार होने की शिकायत पर चुनाव आयोग का नोटिस मिला […]
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. चुनाव आयोग पहले ही उनके नाम पर खदान का पट्टा लेने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित करने का नोटिस दे चुका है. अब उनके विधायक भाई बसंत सोरेन को भी खदान कंपनी में भागीदार होने की शिकायत पर चुनाव आयोग का नोटिस मिला है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्विटर पर यह जानकारी सार्वजनिक की है. निशिकांत ने लिखा- एक नई जानकारी दे रहा हूं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई विधायक बसंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने पर चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा है. इस नोटिस की कॉपी झारखंड बीजेपी को भी दी गई है. इस मामले में भाजपा शिकायतकर्ता है.
आपको बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को नोटिस देकर पूछा है कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना किया जाए. सीएम हेमंत को 10 मई तक अपना पक्ष रखने को कहा गया है. आयोग के मुताबिक हेमंत सोरेन को जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9ए के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है. झारखंड में इस समय सियासी घमासान चल रहा है. इस पूरे मामले में बीजेपी काफी आक्रामक है. बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी,अर्जुन मुंडा, दीपक प्रकाश आदि ने हेमंत सोरेन के इस्तीफे की मांग की है.
ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन के खिलाफ खनन पट्टा मामले की शिकायत राज्यपाल रमेश बैस से की थी. सीएम हेमंत पर रघुवर ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के नाम 11 एकड़ सरकारी जमीन आवंटित करने का भी आरोप लगाया था. राज्यपाल ने मामले की जांच के लिए सभी दस्तावेज चुनाव आयोग को भेजे थे. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग का फैसला मिलते ही राजभवन इस मामले में बड़ी कार्रवाई करेगा.
यहां संभावित कार्रवाई को लेकर बीजेपी और झामुमो दोनों ही रेस में हैं. चुनाव आयोग को जवाब देने के लिए सीएम हेमंत सोरेन की ओर से देश के जाने-माने वकीलों और कानूनी जानकारों से राय ली जा रही है. झामुमो ने कहा कि हेमंत सोरेन का जवाब समय पर दाखिल किया जाएगा. इससे पहले झामुमो ने विशेष दूत से हेमंत सोरेन को नोटिस भेजने की चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं. जबकि झारखंड में सत्ता में काबिज कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि संवैधानिक संस्था अपना काम कर रही है. चुनाव आयोग के संज्ञान में कांग्रेस को कोई साजिश नजर नहीं आ रही है.