जयपुर। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। लेकिन इससे पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का विवाद एक बार फिर गरमा गया है। राज्य में पायलट लगातार रैलियां कर पार्टी के लिए माहौल तैयार कर रहे हैं। इसी बीच पायलट ने मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर एक बड़ा बयान […]
जयपुर। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। लेकिन इससे पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का विवाद एक बार फिर गरमा गया है। राज्य में पायलट लगातार रैलियां कर पार्टी के लिए माहौल तैयार कर रहे हैं। इसी बीच पायलट ने मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
बता दें, कांग्रेस के रायपुर में होने जा रहे अधिवेशन से पहले कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने वाले गहलोत खेमे के नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है। पायलट ने कहा कि जयपुर में पिछले साल 25 सितंबर को कुछ नेताओं ने विधायक दल की बैठक नहीं होने दी थी, जबकि इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आदेश दिया था।
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा कि, पिछले साल जयपुर में पार्टी विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लेकर तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश की अहवेलना करने वाले नेताओं के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई में अत्यधिक विलंब हो रहा है। अगर राज्य में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा बदलनी है तो राजस्थान में कांग्रेस से जुड़े मामलों पर जल्द फैसला करना होगा। क्योंकि पार्टी में अनुशासन सभी के लिए समान हैं, पार्टी में कोई व्यक्ति छोटा या बड़ा नहीं हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले तीन नेताओं को चार महीने पहले दिए गए कारण बताओ नोटिस का हवाला देते हुए कहा कि, विधायक दल की बैठक 25 सितंबर को मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई थी। यह बैठक नहीं हो सकी। बैठक में जो भी होता वो अलग मुद्दा था, लेकिन बैठक ही नहीं होने देना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि, जो लोग बैठक नहीं होने देने और समानांतर बैठक बुलाने के लिए जिम्मेदार थे उन्हें ‘‘प्रथम दृष्टया अनुशासनहीनता” के लिए नोटिस दिए गए थे।
जिसके बाद मामले पर मुझे मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली कि इन नेताओं ने नोटिस को लेकर जवाब दे दिए है। जिसके बाद भी कांग्रेस कमेटी की तरफ से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मुझे लगता है कि एके एंटनी के नेतृत्व वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति, कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी नेतृत्व ही इसका सही जवाब दे सकता है कि निर्णय लेने में इतना ज्यादा विलंब क्यों हो रहा है।
पायलट ने आगे कहा कि, हम बहुत जल्द चुनाव की तरफ बढ़ रहे हैं, बजट भी पेश हो चुका है। पार्टी के नेतृत्व ने कई बार कहा कि वह फैसला करेगा कि कैसे आगे बढ़ना है। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के बारे में जो भी फैसला करना है वो होना चाहिए क्योंकि इस साल अंत में चुनाव है।
अगर हर पांच साल पर सरकार बदलने की 25 साल से चली आ रही परंपरा को पार्टी ने बदलना है तो जल्द फैसला करना होगा। पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में खुद आक्रामक ढंग से प्रचार कर रहे हैं और ऐसे में कांग्रेस को अब मैदान पर उतरकर कार्यकर्ताओं को लामबंद करना होगा।
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