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महंगाई सातवें आसमान पर, देश की सबसे बड़ी पंचायत रही मौन

विद्याशंकर तिवारी नई दिल्ली. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई. कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष महंगाई पर चर्चा की मांग कर रहा था लेकिन ऐसा हो न सका. इसको लेकर कांग्रेस ने गुस्से का इजहार किया है और कहा है कि केंद्र सरकार ने महंगाई के मुद्दे पर खुद को […]

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महंगाई सातवें आसमान पर, देश की सबसे बड़ी पंचायत रही मौन
  • April 7, 2022 4:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

विद्याशंकर तिवारी

नई दिल्ली. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई. कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष महंगाई पर चर्चा की मांग कर रहा था लेकिन ऐसा हो न सका. इसको लेकर कांग्रेस ने गुस्से का इजहार किया है और कहा है कि केंद्र सरकार ने महंगाई के मुद्दे पर खुद को बचाने के लिए ऐसा किया. इस मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस समय महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है, जिस पर संसद में सवाल भी उठाए गए हैं. पांच राज्यों में चुनाव के बाद अब सरकार ने लोगों का शोषण शुरू किया है.

सरकार पर भड़का विपक्ष

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महंगाई इस समय अपने चरम पर है, इसलिए कांग्रेस पार्टी पेट्रोल, डीज़ल, घरेलू गैस और सीएनजी आदि की महंगाई पर चर्चा चाह रही थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया. जनता के सामने सरकार की कमी उजागर न हो इसलिए सरकार इस चर्चा को टाल रही है.

कांग्रेस का कहना है कि महंगाई पर चर्चा की बात भाजपा नेताओं की तरफ़ से कही गई थी, लेकिन आज सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. सरकार ने जानबूझ कर ये चर्चा नहीं होने दी, सरकार ने जो वादा किया था खुद उससे भाग गई. सरकार ने पहले कहा कि रूस से सस्ते में तेल ख़रीदेंगे, वित्त मंत्री ने भी कहा सस्ता ख़रीदेंगे 35$ में खरीदेंगे लेकिन महंगाई पर कोई चर्चा नहीं कराई. सरकार ने कहा 129% उत्पादकता सदन की है, मतलब हम विपक्ष के तौर पर बहुत सहयोग करते है, लेकिन फिर भी सरकार विपक्ष की बात सुनने को तैयार नहीं होती.

वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि बिज़नेस एडवाइज़री कमिटी में सबके लिए समय अलॉट हो चुका था, लेकिन उसके हिसाब से सदन की कार्यवाही नहीं चलाई गई. मतलब साफ़ है कि सरकार महंगाई से भाग रही थी इसलिए कल अचानक यह निर्णय ले लिया गया कि सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाए. सदन में कई बिल भी नहीं लाए गये, हाल ये है कि सदन में पीएम के तो दर्शन ही नहीं होते.

सरकार संसद के प्रति जवाबदेह होती है

एक हफ्ते में सीएनजी की कीमत 10 रूपये बढ़ी है, पीएनजी 45 तक पहुंच गई है. डीजल-पेट्रोल में भी 1्0 रुपये से अधिक का इजाफा हुआ है. इसका नतीजा यह हुआ है कि सब्जी से लेकर सभी जरूरी चीजों की कीमतें आसमान छूने लगी है. आम जनता त्राहि त्राहि कर रही है. सबसे बड़ा सवाल है कि जब देश की सबसे बड़ी पंचायत में महंगाई पर चर्चा नहीं होगी तो कहां होगी? सड़क पर धरना प्रदर्शन सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया जाता है और सरकार संसद के प्रति जवाबदेह होती है लेकिन ऐसा हो न सका.

 

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