नई दिल्ली। कांग्रेस लंबे समय से ईवीएम पर सवाल उठा रही है। उदयपुर में चल रहे तीन दिवसीय चिंतन शिविर में भी ईवीएम को लेकर कांग्रेस की नाराजगी देखने को मिली है। मीडिया रिपोर्टस की माने तो कांग्रेस ने संकल्प लिया है कि सत्ता में आने के बाद वह ईवीएम पर प्रतिबंध लगाएगी। अगर सरकार […]
नई दिल्ली। कांग्रेस लंबे समय से ईवीएम पर सवाल उठा रही है। उदयपुर में चल रहे तीन दिवसीय चिंतन शिविर में भी ईवीएम को लेकर कांग्रेस की नाराजगी देखने को मिली है। मीडिया रिपोर्टस की माने तो कांग्रेस ने संकल्प लिया है कि सत्ता में आने के बाद वह ईवीएम पर प्रतिबंध लगाएगी। अगर सरकार बनती है तो कांग्रेस बैलेट पेपर पर चुनाव कराएगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी रविवार को कहा कि उनकी पार्टी को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को बैलेट पेपर से बदलना चाहिए और अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में करना चाहिए। इस मुद्दे को भी जनता के बीच ले जाना चाहिए।
पार्टी के चिंतन शिविर के लिए गठित राजनीतिक मामलों की समन्वय समिति के सदस्य चव्हाण ने कहा कि यह उनकी निजी राय है, लेकिन कई नेता इससे सहमत भी हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “ईवीएम पर बहुत चर्चा हुई है। बहुत अधिक धोखाधड़ी हो रही है। मेरी निजी राय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करके इसे नहीं हटाएंगे। हमें उन्हें हराना होगा। हमें अपने चुनावी घोषणा पत्र में लिखना होगा कि अगर हम सत्ता में आए तो हम ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर की तरफ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस मुद्दे पर जनता के बीच जाना होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की ओर पार्टी के कदम पर कोई चर्चा हुई है, उन्होंने कहा, “हमने सभी मुद्दों पर चर्चा की है।अब यह देखना होगा कि अंत में किन मुद्दों को मंजूरी मिलती है।” चिंतन शिविर के बारे में उन्होंने कहा, ‘चर्चा चल रही है, यह बड़ी बात है। हमारी मांग थी कि कांग्रेस संविधान का अनुसरण किया जाए, यह अच्छा है कि इसका पालन किया गया है।
कांग्रेस के संसदीय बोर्ड के गठन से संबंधित चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी क्योंकि अगर इस पर चर्चा होती तो यह संगठन की समिति में होती।
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