CBI Vs CBI Alok Verma MK Sinha Supreme Court: सीबीआई डीआईजी एमके सिन्हा के दावों पर कांग्रेस का हमला, मोदी के मंत्री घूस लेकर चोरों को बचा रहे

CBI Vs CBI Alok Verma MK Sinha Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर अगली सुनवाई करेगा. सोमवार को वर्मा ने सीवीसी की रिपोर्ट में उठे सवालों पर अपना जवाब कोर्ट में जमा करा दिया है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा की नागपुर तबादले के खिलाफ याचिका भी सुनेगा जिसमें सिन्हा ने मोदी सरकार के मंत्री हरिभाई चौधरी पर घूस लेने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल, सीवीसी केवी चौधरी, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा, कानून सचिव सुरेश चंद्रा वगैरह पर कई तरह के आरोप लगाए हैं.

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CBI Vs CBI Alok Verma MK Sinha Supreme Court: सीबीआई डीआईजी एमके सिन्हा के दावों पर कांग्रेस का हमला, मोदी के मंत्री घूस लेकर चोरों को बचा रहे

Aanchal Pandey

  • November 19, 2018 7:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सीबीआई में चल रहे झगड़े के बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो के डीआईजी एमके सिन्हा के दावों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है और आरोप लगाया है कि मोदी सरकार की नाक के नीचे मंत्री घूस ले रहे हैं, पीएमओ से मंत्री चोरों को बचाने के लिए दबाव डाल रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने दिल्ली में मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बताएं कि करोड़ों की घूस लेकर केंद्रीय कोयला और खान राज्यमंत्री हरिभाई चौधरी पीएमओ के किस मंत्री के जरिए सीबीआई पर आरोपियों को बचाने का दबाव बनाया.

ये बवाल तब शुरू हुआ जब सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा ने अपने नागपुर तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी पर घूस लेने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल, कानून सचिव सुरेश चंद्रा, कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा, सीवीसी केवी चौधरी समेत कई अधिकारियों पर घूस लेने से लेकर सीबीआई जांच में दखल देने और आरोपियों की मदद करने के आरोप लगाए हैं.

सिन्हा ने ये सारे दावे और आरोप हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना से पूछताछ के दौरान दिए गए उसके बयान के आधार पर लगाए हैं. मोइन कुरैशी मामले की जांच में कुरैशी की मदद कर रहे सतीश सना के आरोप के आधार पर ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर 2 करोड़ की घूस लेने का एफआईआर हुआ था. आरोप सुप्रीम कोर्ट एमके सिन्हा की याचिका पर मंंगलवार को सुनवाई करेगा जब वो सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा की अपील पर अगली सुनवाई करेगा. आलोक वर्मा ने सीवीसी की रिपोर्ट में अपने ऊपर उठे सवालों का जवाब सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को दे दिया है.

सीबीआई डीआईजी एमके सिन्हा के दावों पर रणदीप सिंह सूरजेवाला का मोदी सरकार से सवाल

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “क्या मोदी जी देश को बताएँगे कि ये दो-दो मंत्रीयों – एक Minister of Coal & Mines और एक PMO में मंत्री- कौन से मंत्री है वो, जिनकों करोड़ो रुपये मिल रहे थे? और जो अधिकारीयों के माध्यम से रिश्वतख़ोरी के इन आरोपों को दबाने का षड़यंत्र कर रहे थे?”. सूरजेवाला ने कहा, “अगर रक्षक,भक्षक बन जाएंगे. अगर चोरों का संरक्षण PMOमें बैठ के होगा. अगर PM के मंत्रियो पर सीधे रिश्वत लेने के इल्ज़ाम लगेंगे. अगर PMOके मंत्री उस रिश्वत लेने वाले मंत्री की मदद करेंगे. अगर क़ानून सचिव,तफ़्तीश पर प्रभाव डालेंगे. अगर कैबिनेट सचिव का भी नाम आएगा. तो देश चलेगा कैसे?”

सूरजेवाला ने एनएसए अजित डोवाल पर उठे सवालों को लेकर कहा, “CBI के अफ़सर मनीष कुमार सिन्हा ने SC को सौंपें अपने शपथ पत्र में कहा कि- जब दोषी को पकड़ा गया तो उसने ‘अजीत डोभाल’ के नाम की धौंस जमाई. उन्होंने यहां तक कहा कि वह CBI के उन अधिकारियों को बर्ख़ास्त करा देंगे क्योंकि डोभाल से झगड़ा मोल लेने की अफ़सरों की हिम्मत नहीं है. क्या ये सच है?” सूरजेवाला ने सीवीसी केवी चौधरी पर लगे आरोपों को लेकर कहा है कि अगर खुद CVC संदेह के घेरे में आ जाएंगे तो अफ़सरों की जांच कौन करेगा ?

सीबीआई डीआईजी एमके सिन्हा की याचिका में केंद्रीय मंत्री हरिभाई चौधरी पर क्या हैं आरोप ?

सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि जांच के दौरान सतीश सना ने जांच एजेंसी को बताया था कि केंद्रीय मंत्री हरिभाई चौधरी को घूस दिया गया जो पैसा अहमदाबाद के एक आदमी के जरिए उन्हें दिया गया. सिन्हा ने कहा है कि ये रकम एक से दो करोड़ तक हो सकती है जिसका अंदाजा फोन टैपिंग से हुआ है. ये पैसा मंत्री हरिभाई चौधरी को पीएमओ के कार्मिक मंत्री के जरिए सीबीआई पर दबाव डालने के लिए दिया गया क्योंकि पीएमओ के कार्मिक मंत्री को सीबीआई डायरेक्टर रिपोर्ट करते हैं.

सीबीआई डीआईजी एमके सिन्हा की याचिका में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल पर क्या हैं आरोप ?

सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में सरकार के एनएसए अजित डोवाल पर भी छींटे पड़े हैं. सिन्हा ने याचिका में बताया है कि जब सीबीआई ने एक आरोप मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया तो उसने सीबीआई दफ्तर आते ही सबसे पहले अजित डोवाल के नाम की धौंस दी. मनोज ने सीबीआई अधिकारियों से कहा कि उसके पिता दिनेश्वर प्रसाद और अजित डोवाल के करीबी रिश्ते हैं. दिनेश्वर प्रसाद रॉ में संयुक्त सचिव पद से रिटायर हुए हैं. मनोज प्रसाद ने सीबीआई वालों पर गुस्सा दिखाया कि ये जानते हुए कि वो डोवाल के करीबी हैं, उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत कैसे हुई. सिन्हा ने अपनी अपील में कहा है कि अजित डोवाल के कहने पर राकेश अस्थाना के खिलाफ छापेमारी नहीं हुई, उनका मोबाइल सीज नहीं हुआ और डीएसपी देवेंद्र कुमार के घर चल रहा छापा बीच में छोड़ना पड़ा.

मनोज प्रसाद ने सीबीआई वालों को अपने भाई सोमेश प्रसाद और रॉ के स्पेशल सेक्रेटरी सामंत गोयल के करीबी रिश्ते की रौब देते हुए यहां तक कहा कि वो सीबीआई वालों को साफ करवा सकता, हटवा सकता है. मनोज प्रसाद ने सीबीआई वालों से कहा कि उनकी औकात नहीं है उसे पकड़ने की इसलिए वो उसे जाने दें. मनोज ने ये भी कहा कि सोमेश और सामंत गोयल ने हाल ही में अजित डोवाल के एक पर्सनल काम को कराया है. मनोज ने इंटरपोल के डेलिगेट चुनाव में भारत की तरफ से सीबीआई के संयुक्त निदेशक एके शर्मा की दावेदारी को अंतिम समय पर अजित डोवाल द्वारा लटकाने का भी दावा किया है.

सीबीआई डीआईजी एमके सिन्हा की याचिका में सीवीसी केवी चौधरी पर क्या हैं आरोप ?

एमके सिन्हा ने अपने पेटिशन में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी पर सतीश सना के हवाले से आरोप लगाया है कि सतीश सना सीवीसी केवी चौधरी से मिला था और वो उनके पास चौधरी के रिश्तेदार गोरंटला रमेश के साथ गया था जो हैदराबाद में डीपीएस स्कूल चलाता है. इस मुलाकात में सतीश सना, गोरंटला रमेश और सीवीसी चौधरी ने मोइन कुरैशी केस पर चर्चा की जिसके बाद चौधरी ने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को बुलाया. सतीश सना के मुताबिक अस्थाना ने चौधरी से बताया कि कुरैशी के खिलाफ कोई खास सबूत नहीं है.

सीबीआई डीआईजी एमके सिन्हा की में कानून सचिव सुरेश चंद्रा पर क्या हैं आरोप ?

सिन्हा ने याचिका में बताया है कि सतीश सना को 8 नवंबर को आंध्र प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी रेखा रानी की तरफ से फोन गया कि केंद्रीय कानून सचिव सुरेश चंद्रा उनसे बात करना चाहते हैं. सतीश सना और सुरेश चंद्रा की 8 नवंबर को व्हाट्सएप्प पर बात हुई जिसमें सुरेश चंद्रा ने सतीश सना से कहा कि वो चार-पांच दिन से उससे बात करने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने उन्हें ये संदेश देने कहा है कि केंद्र सरकार उसकी पूरी मदद करेगी. सुरेश चंद्रा ने सतीश को ये भी बताया कि 13 नवंबर को बड़े बदलाव होंगे. फिर सुरेश चंद्रा ने रेखा रानी से कहा कि अगर सतीश सना अगर हमारे हिसाब से चलेगा तो उसके भविष्य की दिक्कतें दूर हो जाएंगी. सतीश सना से जब सीबीआई वालों ने ये पूछा कि उसे कॉन्टैक्ट करन का काम रेखा रानी को क्यों दिया गया तो उसने बताया कि उसकी एक कंपनी का एक ऑफिस जिस मकान में किराए पर चलता है वो रेखा रानी का है.

सीबीआई डीआईजी एमके सिन्हा की याचिका में कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा पर क्या हैं आरोप ?

एमके सिन्हा की याचिका में कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा का भी नाम आ गया है. पीके सिन्हा को लेकर सतीश सना ने ये दावा किया है कि कानून सचिव सुरेश चंद्रा ने लंदन से उससे फोन पर कहा कि कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने कहा है कि सतीश हमारे हिसाब से काम करेगा तो सरकार उसे पूरा संरक्षण देगी.

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