नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में बीजेपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी समेत कई अन्य दलों के वरिष्ठ नेता पहुंचे थे. कांग्रेस ने चुनाव आयोग की ऑल पार्टी मीटिंग में एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से कराने की अपील की. इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कई बार 2019 का आम चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग कर चुकी है. आयोग ने यह बैठक चुनावी प्रक्रिया में सुधारों के संदर्भ में बुलाई थी. बैठक के बाद #BringBackBallotPaper हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है.
बैठक में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने कहा कि कई बार ईवीएम से छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. पिछले साल हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त जीत के बाद सपा, बसपा और AAP ने ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे. चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीन हैक करने के आरोपों के बाद हैकथॉन का आयोजन किया था. इसमें सभी विपक्षी दलों को ईवीएम को हैक करने की चुनौती दी गई थी. कोई भी दल ईवीएम को हैक नहीं कर पाया था. बीजेपी ने इस पर कहा था कि विपक्षी दलों ने अपनी हार को छुपाने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है.
कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि ईवीएम की खराबी या फिर छेड़छाड़ की घटनाओं के बाद सभी वोट एक ही दल को क्यों जाते हैं. उन्होंने मांग की है कि सभी दलों को इस बात की जानकारी दी जाए कि खराब ईवीएम मशीनों को कौन रिपेयर कर रहा है. साथ ही बताया जाए कि कितनी पुरानी मशीनें अभी तक चुनावों में इस्तेमाल की जा रही हैं. गौरतलब है कि 2 अगस्त को तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) समेत करीब 17 राजनीतिक दलों ने कांग्रेस की बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग का समर्थन किया था. सभी पार्टियों ने ईवीएम से चुनाव कराने की प्रक्रिया पर अविश्वास व्यक्त किया था.
दूसरी ओर मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत ने ईवीएम को बेहद सुरक्षित बताया. उन्होंने कहा कि ईवीएम को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए VVPAT की व्यवस्था भी की गई है. VVPAT के होने से मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता और ज्यादा बढ़ जाती है. इससे वोट देने वाले को भी पता होता है कि उनका वोट किस पार्टी को गया है. ओ.पी. रावत ने कहा कि ईवीएम को इस तरह डिजाइन किया गया है जिसे हैक या फिर उससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. विपक्षी दलों के सवालों के चलते ही हैकथॉन कराया गया था, जिसमें कोई भी पार्टी ईवीएम को हैक नहीं कर पाई थी.
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