लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ‘गुरु पूर्णिमा’ के अवसर पर विशेष पूजा की, साथ ही लोगों को शुभकामनाएं भी दी. उन्होंने इस दिन को समाज को दिशा देेने वाले, मार्ग दिखाने वाले सभी अनुकरणीय शिक्षकों को समर्पित किया, उन्होंने शिक्षकों का आभार भी व्यक्त किया है. सीएम ने ट्वीट कर दी बधाई सीएम […]
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ‘गुरु पूर्णिमा’ के अवसर पर विशेष पूजा की, साथ ही लोगों को शुभकामनाएं भी दी. उन्होंने इस दिन को समाज को दिशा देेने वाले, मार्ग दिखाने वाले सभी अनुकरणीय शिक्षकों को समर्पित किया, उन्होंने शिक्षकों का आभार भी व्यक्त किया है.
सीएम योगी ने गुरु पूर्णिमा के मौके पर ट्वीट कर लिखा, ‘समस्त प्रदेश वासियों को पावन गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई, सभ्यताओं का उदय, संस्कृतियों का उत्कर्ष व महान विभूतियों का निर्माण पूज्य गुरुजनों के आशीर्वाद व मार्गदर्शन द्वारा ही होता है. अपने तप, त्याग और ज्ञान के आलोक से मानव समाज का उद्धार कर रहे सभी देवतुल्य गुरुजनों को कोटि-कोटि नमन.’
बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले गुरु गोरखनाथ की पूजा अर्चना की. इसके बाद बाबा को परंपरागत महारोट का प्रसाद चढ़ाकर उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच साधना की, फिर वह परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के पास पहुंचे और उनका पूजन किया. अंत में वह बारी-बारी से बाबा गंभीरनाथ, ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर गए और उनकी पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया, पूजा-अर्चना की प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद मुख्यमंत्री की अगुवाई में गुरु पूर्णिमा पर होने वाली परंपरागत महाआरती की गई.
समस्त प्रदेश वासियों को पावन गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई।
सभ्यताओं का उदय, संस्कृतियों का उत्कर्ष व महान विभूतियों का निर्माण पूज्य गुरुजनों के आशीर्वाद व मार्गदर्शन में ही होता है।
अपने तप, त्याग और ज्ञान के आलोक से मानव समाज का उद्धार कर रहे सभी देवतुल्य गुरुजनों को नमन।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 12, 2022
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु पूर्णिमा गुरु-पूजन का पर्व है. बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त करना असंभव है. गुरु के आशीर्वाद से सभी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं, शास्त्रों के अनुसार इस पूर्णिमा की तिथि पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा या व्यास जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.
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