पटना। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के परिसरों पर छापेमारी की। पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुए घटनाक्रम ने देश में सुर्खियां बटोरीं। रविवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। राजधानी में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि जिसने छापेमारी की है वही जाने की ऐसा क्यों हुआ। जदयू से राज्यसभा उम्मीदवार के नाम से जुड़े सवाल पर नीतीश ने मीडिया से कहा कि आप लोग परेशान न हों।समय आने पर सब पता चल जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतिश ने केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जाने पर भी खुशी जाहिर की।
नीतीश कुमार ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के लिए केंद्र सरकार की तारीफ भी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए हैं, यह खुशी की बात है। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि इस पर हम भी आपस में बात करेंगे। पिछली बार बिहार में पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए गए थे।
मीडिया ने नीतीश कुमार से पूछा कि विपक्ष राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिसरों पर सीबीआई छापे को राजनीतिक बदला बता रहा है? इसके जवाब में सीएम ने कहा कि हम इस बारे में क्या कहें। ये जो कर रहा है वो ही बताएगा। मुझे पता नहीं है। राज्यसभा उम्मीदवार के ऐलान से जुड़े सवाल पर नीतीश ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इतनी पहले घोषणा करने की क्या जरूरत है? समय आने पर निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के दौरान रेलवे में भर्ती घोटाले को लेकर सीबीआई तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और हेमा यादव समेत कुल 16 लोगों से पूछताछ करेगी। इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव से जुड़े 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
बिहार में अपनी सरकार गिरने के बाद लालू प्रसाद यादव को केंद्र में यूपीए -1 सरकार में रेल मंत्री बनाया गया था। इस दौरान रेलवे में नौकरी के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ। उम्मीदवारों से जमीन लेकर रेलवे जॉब फॉर लैंड दिया गया। आरोप है कि इसमें लालू यादव और उनके परिवार के कई लोग शामिल थे।
सीबीआई ने इस घोटाले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रेलवे भर्ती बोर्ड की कई शाखाएं जांच के दायरे में हैं। आरोप है कि लालू परिवार के कई सदस्यों ने सैकड़ों उम्मीदवारों से जमीन ली और अपने प्रभाव के बल पर रेलवे में नौकरी दिलाई। आरोप है कि बिहार में लालू परिवार ने कई प्लॉट लिए।
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