नई दिल्ली. देश में अब हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई करवाई जाएगी, इस फैसले से देश में हिंदी का गौरव बढ़ा है. इसी कड़ी में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आधिकारिक संसदीय समिति की ओर से भाषाओं को लेकर प्रस्तुत रिपोर्ट पर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा कि हिंदी को थोपने का प्रयास अव्यावहारिक है. इस संबंध में उन्होंने कहा कि ये समाज के लिए विभाजनकारी भी है, यह कोशिश गैर-हिंदी भाषी लोगों को कई मायनों में नुकसान पहुंचाने वाली है. यह न सिर्फ तमिलनाडु को बल्कि अपनी मातृभाषा का सम्मान करने वाले किसी भी राज्य को भी स्वीकार्य होगा.
इस कड़ी में CM एमके स्टालिन ने कहा, ‘मैं अपील करता हूं कि रिपोर्ट में सुझाए गए विभिन्न तरीकों से हिंदी थोपने की कोशिश को आगे न बढ़ाया जाए, भारत की एकता की गौरवशाली लौ को हमेशा ऊंचा रखना है, ऐसे में हिंदी के अलावा अन्य भाषा बोलने वालों की संख्या देश में हिंदी भाषी लोगों की तुलना में ज्यादाहै तो उनका भी ध्यान रखना चाहिए. मुझे यकीन है कि आप इस बात की सराहना करेंगे कि हर भाषा की अपनी विशिष्टता और भाषाई संस्कृति के साथ अपनी अलग विशेषता होती है.’
सीएम स्टालिन ने कहा कि वैज्ञानिक विकास और तकनीकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी भाषाओं को एक जैसा सम्मान देना चाहिए, सभी भाषाओं के बोलने वालों को शिक्षा और रोजगार के मामले में भी बराबर मौका देना चाहिए. उन्होंने कहा कि 8वीं अनुसूची में तमिल सहित सभी भाषाओं को शामिल किया जाना चाहिए, केंद्र सरकार को ऐसा ही करना चाहिए.
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