सीतामढ़ी। 24 मई को भारत में घुसे दो चीनी नागरिक 18 दिनों तक आते-जाते रहे, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का अंदाजा नहीं था। काम पूरा कर जब लौट रहे थे तो बिहार के सीतामढ़ी में एसएसबी ने उन्हें पकड़ लिया। भारत-नेपाल सीमा पर सीतामढ़ी जिले में गश्त के दौरान सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) […]
सीतामढ़ी। 24 मई को भारत में घुसे दो चीनी नागरिक 18 दिनों तक आते-जाते रहे, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का अंदाजा नहीं था। काम पूरा कर जब लौट रहे थे तो बिहार के सीतामढ़ी में एसएसबी ने उन्हें पकड़ लिया। भारत-नेपाल सीमा पर सीतामढ़ी जिले में गश्त के दौरान सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों ने दोनों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया।
इन्हें नोएडा से लौटते समय बॉर्डर पर पकड़ा गया। एसएसबी 51वीं बटालियन ने बताया कि दोनों को शनिवार शाम 7.45 बजे पकड़ा गया। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर पूछताछ का काम शुरू किया गया। प्राप्त जानकारी का मिलान शुरू हुआ। सारी जानकारी मिलने के बाद ही यह जानकारी सार्वजनिक की गई।
एसएसबी का कहना है कि भारतीय सीमा पार करने की कोशिश कर रहे इन दो नागरिकों को भारत की ओर से सीमा स्तंभ संख्या 301 से लगभग 10 मीटर की दूरी पर पकड़ा गया था। उनकी पहचान लगभग 30 साल की लू लैंग और करीब 34 साल की युन हेलांग के रूप में हुई है। उन्हें पकड़ने के बाद 51वीं बटालियन के क्षेत्र में कार्यरत सभी संबंधित संबद्ध एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया।
पूछताछ में पता चला कि 23 मई को दोनों युवक थाईलैंड के रास्ते काठमांडू आए थे। 24 मई कोरा के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश किया। यहां से टैक्सी से नोएडा गए। जहां वह 10 जून तक अपने दोस्त के साथ रहा। उसके बाद वह टैक्सी से फिर से भीठ्ठामोड़ लौट आए। वहां से वे रिक्शे पर बैठकर सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे। भारत में रहने के लिए उनसे कोई आधिकारिक दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ था। साथ ही उनसे प्राप्त विभिन्न वस्तुओं के विश्लेषण और मोबाइल फोन के संचार से यह प्रतीत होता है कि ये लोग वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल हो सकते हैं या किसी वित्तीय धोखाधड़ी रैकेट में सहयोगी हो सकते हैं। उक्त दोनों चीनी नागरिकों से पूछताछ और जब्ती की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए सुरसंड थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है।
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