भारत और चीन के बीच बीते साल डोकलाम विवाद सहित कई मुद्दों को लेकर तल्खियां चरम पर थीं. अब चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं बल्कि सहयोग करते हुए मिल-जुलकर साथ रहना चाहिए. अपनी बात आगे रखते हुए उन्होंने कहा कि भारत और चीन अगर एकजुट हो जाएं तो वह एक और एक दो नहीं बल्कि ग्यारह हो सकते हैं.
बीजिंगः बीते साल डोकलाम विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच तल्खियां काफी बढ़ गई थीं. सीमा पर शांति स्थापित करने की दिशा में अब चीनी विदेश मंत्री वांग यी का बड़ा बयान आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत-चीन संबंधों में भरोसे और सहयोग की बात करते हुए वांग यी ने कहा कि चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं बल्कि आपसी सहयोग करते हुए मिल-जुलकर साथ रहना चाहिए. वांग यी ने कहा कि अगर भारत और चीन एकजुट हो जाएं तो वह एक और एक दो नहीं बल्कि 11 हो सकते हैं.
भारत-चीन संबंधों को बेहतर बताते हुए वांग यी ने संसद सत्र से इतर अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में दोनों देशों से आपसी मतभेदों को सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए दूरियां पाटने को कहा. डोकलाम समेत कई मुद्दों से जुड़े सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘कुछ परीक्षाओं और मुश्किलों के बावजूद चीन-भारत के बीच संबंध बेहतर हो रहे हैं. चीन अपने अधिकार और वैध हितों को बरकरार रखते हुए भारत के साथ संबंधों के संरक्षण पर ध्यान दे रहा है. दोनों देशों के नेताओं ने हमारे संबंधों के भविष्य के लिए रणनीतिक दूरदृष्टि तैयार की है. चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए, बल्कि साथ में कदमताल करनी चाहिए.’
नए साल में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर पहली बार बयान देते हुए विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में बड़े बदलाव हो रहे हैं और ऐसे में चीन तथा भारत को एक-दूसरे का समर्थन करने तथा परस्पर संदेह को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. भारत-चीन संबंधों में परस्पर विश्वास सबसे कीमती है. उन्होंने कहा कि अगर चीन और भारत एकजुट हो जाएं तो वह मिलकर एक और एक दो की बजाय एक और एक 11 हो सकते हैं. विदेश मंत्री ने आगे कहा, ‘राजनीतिक विश्वास होने की स्थिति में कोई भी, यहां तक कि हिमालय भी हमें मित्रवत संबंधों से रोक नहीं सकता.’ बता दें कि बीते साल भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 84.44 अरब डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया था. दूसरी ओर दोनों देशों के बीच बीते साल जून में शुरू हुआ डोकलाम विवाद भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सुर्खियों में रहा. डोकलाम विवाद के चलते 73 दिनों तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने रहीं थीं.